हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व बेहद उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है इस वर्ष महाशिवरात्रि 21 फरवरी को एक विशेष योग में मनायी जायेगी। 59 साल बाद इस साल ख़ास संयोग भी बन रहा है, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस विशेष संयोग का नाम शश योग है।
इस दिन पांच ग्रहों की राशि पुनरावृत्ति होने के साथ शनि और चंद्र मकर राशि, गुरु धनु राशि, बुध कुंभ राशि तथा शुक्र मीन राशि में रहेंगे। ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्रा के अनुसार जब सूर्य कुंभ राशि और चंद्र श्रवण नक्षत्र के साथ मकर राशि में होता है तब फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की रात ये पर्व मनाया जाता है।
इस साल 21 फरवरी को शाम पांच बजकर 12 मिनट से 22 फरवरी, शनिवार को शाम 06:10 मिनट तक रहेगा। शिवरात्रि के दिन सबसे पहले सुबह स्नान करके भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं। उसके बाद भगवान शंकर को केसर के आठ लोटे जल चढ़ाएं। इस दिन पूरी रात दीपक जलाकर रखें।
भगवान शंकर चढ़ावे में तीन बेलपत्र, भांग धतूर, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र और दक्षिणा चढ़ाएं। सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें, पूजा में सभी उपचार चढ़ाते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
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