बेंगलुरू स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड हवाई अड्डे पर भारतीय वायुसेना का मिराज 2000 विमान विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, इस हादसे में विमान में सवार दोनों पायलट शहीद हो गए। एक पायलट देहरादून का रहने वाला था।
जानकारी के अनुसार, वायुसेना के मिराज़-2000 लड़ाकू विमान ने बेंगलुरु स्थित एचएएल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिलटेड) की हवाई पट्टी से उड़ान भरी थी लेकिन उड़ान भरने के लिए कुछ ही समय बाद सुबह करीब 10.30 पर यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बताया जा रहा है कि यह विमान ‘ज़ीरो-ज़ीरो’ यानी ‘ज़ीरो स्पीड, ज़ीरो अल्टीट्यूड’ सुविधा से लैस था। इसमें पायलट ज़मीन पर खड़े विमान से भी वैसे ही निकल सकते हैं जैसे आकाश में उड़ान भरते वक़्त निकला जाता है लेकिन इसके बावज़ूद वे नहीं निकल सके।
दोनों पायलटों ने खुद को बचाने के लिए विमान से निकल जाने की कोशिश की लेकिन वह धमाके के बाद विमान में लगी आग की चपेट में आ गए। दुर्घटना में एक पायलट का शव पूरी तरह झुलस गया जबकि दूसरे पायलट को सेना के अस्पताल ले जाया गया।
अधिकारी ने बताया कि बाद में घायल पायलट की भी मौत हो गई। बता दें कि, स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी का परिवार देहरादून में ही पंडितवाड़ी में रहता है। उनके पिता बलबीर सिंह नेगी ग्राफिक ऐरा विश्वविद्यालय में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं। उनका एक बेटा सिद्धार्थ नेगी और एक बेटी है। सिद्धार्थ की शादी डेढ़ साल पहले ही हुई थी। बेटे के शहीद होने की खबर सुनने के बाद से ही परिवार में मातम छाया हुआ है।
जानकारी के अनुसार इन तमाम परिस्थितियों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं जांच में यह ख़ास तौर पर देखा जाएगा कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाने पर पायलटाें ने बाहर निकलने का फ़ैसला क्यों नहीं किया। या वे किसी वज़ह से कोशिश के बावज़ूद निकल नहीं पाए। ग़ाैरतलब है कि इस दुर्घटना के बाद भारतीय वायु सेना के बाद अब 50 मिराज़-2000 विमान बचे हैं। ये फ्रांस से निर्मित लड़ाकू विमान हैं, एचएएल में इन्हें और उन्नत करने का काम किया जा रहा है। वायु सेना में इन्हें 1985 में शामिल किया गया था।
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