विश्वविद्यालय आडिटोरियम, गांधी हाल, में आयोजित इस दीक्षांत समारोह में प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति, डा.कृष्ण कान्त पाल ने श्री ओली को विज्ञान वारिधि की मानद उपाधि प्रदान की। इस अवसर पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री, त्रिवेन्द्र सिंह रावत, कृषि मंत्री, सुबोध उनियाल तथा पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. ए.के. मिश्रा भी मंचासीन थे।
मानद उपाधि प्राप्त करने के बाद श्री ओली ने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय ने कृषि के आधुनिकीकरण व भारत में कृषि क्रांति लाने का जो कार्य किया है उसे देखकर मेरी इच्छा है कि नेपाल व पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय साथ-साथ चलें।
उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल दोनों कृषि प्रधान देश हैं। नेपाल में दो-तिहाई जनसंख्या कृषि पर आधारित है लेकिन यहां की कृषि का देश की आर्थिकी में केवल एक-तिहाई योगदान है क्योंकि हम अपनी कृषि में आधुनिकीकरण एवं यांत्रिकीकरण नही कर पाये हैं।
उन्होंने कहा कि नेपाल में दो कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किये गये है, लेकिन वे अभी प्रारम्भिक अवस्था में हैं, जिनको मजबूती प्रदान करने हेतु पंतनगर विश्वविद्यालय का सहयोग लिया जाना होगा तथा भारत सरकार व पंतनगर विष्वविद्यालय के साथ मिलकर शोध व संकाय सदस्यों एवं विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को बढ़ाना होगा।
श्री ओली ने यह भी कहा कि नेपाल की सरकार एवं वहां के लोग भारत के साथ मिलकर गरीबी दूर करने व एक दूसरे की जनता को खुशहाल बनाने के लिए काम करेंगे। पंतनगर विश्वविद्यालय के बीज उत्पादन की सराहना करते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की प्रशंसा की। ')}