बागेश्वर जिले की नई जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने आज डीएम का कार्यभार संभाल लिया है। बता दें कि एक दिन पहले पिथौरागढ़ जिले के मुख्य विकास अधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रही अनुराधा पाल को शासन ने जिलाधिकारी बागेश्वर की जिम्मेदारी सौंपी थी जिसके बाद आज उन्होंने कार्यभार संभाला। उन्होंने कहा कि बागेश्वर धर्मनगरी है। सरयू, गोमती और विलुप्त सरस्वती का यह संगम है। यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यह भगवान शिव की नगरी है। इसलिए छोटी काशी के रूप में नगर का विकास किया जाएगा। कानून व्यवस्था बनाने और अपराधियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि अतिक्रमण और अवैध खनन को रोका जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि वह प्रत्येक गांव तक पहुंचने की कोशिश करेंगी। वहां की समस्याओं का समाधान होगा। पलायन रोकने पर सरकार की योजनाएं संचालित हो रही हैं। जिसका अधिकाधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाया जाएगा। सड़कों के गड्ढे भरेंगे। सरयू और गोमती पुल की मरम्मत के लिए एनएच को निर्देश दिए जाएंगे। अधिकारी अपना फोन 24 घंटे सात दिन खुला रखेंगे।
बता दें कि उत्तराखण्ड कैडर की आईएएस अधिकारी अनुराधा पाल हरिद्वार जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं। बेहद साधारण परिवार में जन्मी अनुराधा ने आईएएस की कोचिंग के लिए बच्चों को ट्यूशन पढाकर पूरा किया और अपने कठिन परिश्रम के बलबूते सिविल सेवा परीक्षा 2015 में हिंदी माध्यम की टॉपर बन गई। मेरिट सूची में उन्हें 62 वां रैंक मिली थी।
उन्होंने गाँव से ही हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन की पढ़ाई जीबी पंत विश्वविद्यालय से पूरी की। इसके बाद 2015 की यूपीएससी परीक्षा में उन्हें सफलता मिल गई। इस परीक्षा में उन्हें पूरे देश में 62वीं रैंक हासिल हुई। रैंक अच्छी आने के कारण उन्हें आईएएस अधिकारी बनने का मौका मिला। बता दें कि अनुराधा पाल फिलहाल पिथौरागढ़ में सीडीओ के पद पर कार्यरत थी, उनके कार्यप्रणाली को देखते हुए उन्हें इस बार बागेश्वर जिले की कमान सौंपी गई है।