हरिद्वार में वर्ष 2016 में आयोजित होने वाले अर्ध कुंभ और यहाँ आने वाली यात्रियों की ट्रेन में विस्फोट करने की योजना बनाने के मामले में गिरफ्तार किए गए 5 दोषियों को पटियाला हाउस स्थित विशेष एनआईए अदालत ने सात-सात साल की सजा सुनाई है।
विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने अदालत ने कहा कि दोषियों ने एक गंभीर अपराध किया है और खुद अपने गुनाह को कबूल किया है। गिरफ्तारी के समय अपराधी कम उम्र के थे लेकिन अदालत द्वारा यह दलील स्वीकार नहीं की गई कि अपरिपक्वता के कारण लोगों के बहकावे में आकर गलत रास्ते पर चले गए थे। अदालत ने सभी पहलुओं को ध्यान से रखते हुए उत्तराखंड के हरिद्वार में भगवानपुर गांव निवासी अखलाक, हरिद्वार के लंढोरा निवासी मोहम्मद अजीमुशान, मोहम्मद मेराज उर्फ मोनू, हरिद्वार के जोरासी गांव निवासी मोहम्मद ओसामा उर्फ आदिल उर्फ पीर और मुंबई के मलाड वेस्ट निवासी मोहसीन इब्राहिम सय्यद को 7 साल की सजा सुनाई है।
अदालत ने कहा कि जेल के अंदर कुछ दोषियों को उनके अनुशासनहीनता पर सजा दी गई लेकिन सभी दोषियों ने सुधार की दिशा में अपनी रुचि दिखाई है अदालत ने कहा कि सभी दोषी निम्न स्तर परिवार से आते हैं और ऐसे में उन पर कम जुर्माना लगाना ठीक है। अदालत ने इन सभी पर 21 नवंबर 2016 को विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किये थे, सुनवाई के दौरान सभी दोषियों ने अदालत में आवेदन दाखिल करके अपने गुनाह स्वीकार कर लिया था