By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Raibaar Uttarakhand Raibaar Uttarakhand
  • होम
  • उत्तराखंड समाचार
    • देहरादून
    • नैनीताल
    • पौड़ी गढ़वाल
    • पिथौरागढ़
    • उत्तरकाशी
    • टिहरी
    • चमोली
    • उधम सिंह नगर
    • हरिद्वार
    • बागेश्वर
    • अल्मोड़ा
    • चम्पावत
    • रुद्रप्रयाग
  • उत्तराखंड संस्कृति
    • उत्तराखंड पर्यटन
    • उत्तराखंड इतिहास
    • चारधाम यात्रा
    • उत्तराखंड व्यजंन
    • जीवनशैली
    • उत्तराखंड मौसम
    • फोटो गैलरी
  • हिलीवुड समाचार
  • उत्तराखंड क्रिकेट
  • और
    • वायरल मेसेज
    • क्राईम
    • जॉब
    • राजनीति
    • अजब गजब
    • अर्न्तराष्ट्रीय
  • Donate
Reading: उत्तरकाशी जिले में सौख्यम द्वारा निर्मित पैड्स की विदेशों में भारी मांग, जानिए क्या है खासियत
Share
Notification Show More
Latest News
ऋषभ पंत की करियर बेस्ट टेस्ट रैंकिंग, विराट-रोहित को पीछे छोड़ बने भारत के नम्बर एक टेस्ट बल्लेबाज
July 6, 2022
राजकीय इंटर काॅलेज कैलाश बांगर जखोली में तहसील दिवस का हुआ आयोजन
July 6, 2022
मुसीबत: मयाली घनसाली मार्ग पर बुरांशकांठा पुल पर भारी मलबा गिरा, सिरोबगड़ पर भी मार्ग अवरुद्ध
July 6, 2022
रात्रि में सफर कर रहे तीर्थयात्रियों की कार खाई में समाई, एक की मौत, तीन घायल
July 5, 2022
थल सेना में अग्निपथ योजना के तहत आवेदन शुरू, उत्तराखंड में अब तक इतने युवाओं ने किया अप्लाई
July 5, 2022
Raibaar Uttarakhand Raibaar Uttarakhand
  • होम
  • उत्तराखंड समाचार
  • देहरादून
  • उत्तराखंड मौसम
  • चारधाम यात्रा
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • राष्ट्रीय समाचार
  • राजनीति
  • हिलीवुड समाचार
  • उत्तराखंड क्रिकेट
Search
  • होम
  • उत्तराखंड समाचार
  • देहरादून
  • उत्तराखंड मौसम
  • चारधाम यात्रा
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • राष्ट्रीय समाचार
  • राजनीति
  • हिलीवुड समाचार
  • उत्तराखंड क्रिकेट
Follow US
Raibaar Uttarakhand > Blog > उत्तराखंड समाचार > उत्तरकाशी > उत्तरकाशी जिले में सौख्यम द्वारा निर्मित पैड्स की विदेशों में भारी मांग, जानिए क्या है खासियत
उत्तरकाशीउत्तराखंड समाचार

उत्तरकाशी जिले में सौख्यम द्वारा निर्मित पैड्स की विदेशों में भारी मांग, जानिए क्या है खासियत

June 4, 2022
Share

देहरादून- 04 जून, 2022: सभी‌ को किफ़ायती पैड्स मुहैया कराने और प्राकृतिक ढंग से माहवारी संबंधी स्वच्छता के लक्ष्य को पाने के लिए ज़रूरी है कि लोग बड़े पैमाने पर पुन:प्रयोग में लाये जानेवाले पैड्स का इस्तेमाल करने की शुरुआत करें. निश्चित ही डिस्पोसेबल यानि एक बार इस्तेमाल कर फ़ेंक दिये जानेवाले पैड्स का काफ़ी प्रचलन है, मगर ज़्यादातर महिलाएं उन्हें ख़रीदने की हैसियत नहीं रखती हैं. इतना ही नहीं, ऐसे पैड्स पर्यावरण के लिए भी बहुत हानिकारक होते हैं. यह कहना है माता अमृतानंदमयी मठ द्वारा चलाए जा रहे अमृता आत्मनिर्भर ग्रामीण कार्यक्रम की सह-निदेशक अंजू बिष्ट का उन्हें ‘पैड वूमन ऑफ इंडिया’ के नाम से भी जाना जाता है. उन्हें कपड़े और केले के बेकार तनों से बने फ़ाइबर की मदद से सौख्यम माहवारी पैड्स के निर्माण का श्रेय दिया जाता है. इस खोज के लिए उन्हें ढेरों पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं. उल्लेखनीय है कि इसी साल उन्हें नीति आयोग की ओर से सौख्यम के लिए किये गये कार्यों के लिए प्रतिष्ठित वूमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया था.

उल्लेखकीय है कि सौख्यम पैड्स को 2017 में लॉन्च किया गया था. यह दुनिया का पहला ऐसा पुन:प्रयोग में लाया जानेवाला ब्रांड है जिसे केले‌ के बेकार तनों‌ से बने फ़ाइबर की सहायता से निर्मित किया जाता है. प्रकृति में इसकी पहचान पानी को सर्वाधिक सोखनेवाली सामग्री के तौर पर होती है. यह अपने सूखे हुए वजन का छह गुना तक सोखने की क्षमता रखता है जो सौख्यम पैड्स को बेहद ख़ास बनाता है. अब तक 500,000 से अधिक सौख्यम पैड्स की बिक्री हो चुकी है. इसके चलते अब तक सालाना‌ 2000 टन के बराबर कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन रोकने में मदद मिली है. इतना ही नहीं, इससे माहवारी संबंधी 43,750 टन‌ नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरा उत्पन्न‌ होने से भी बच गया.

उत्तरकाशी जिले के डूंडा इलाके में माता अमृतानंदमयी मठ में एक सौख्यम उत्पाद केंद्र भी स्थित है जिसकी शुरुआत 2018 में की गयी थी. ग़ौरतलब है कि‌ सौख्यम द्वारा निर्मित पैड्स को अमेरिका समेत यूके, जर्मनी, स्पेन, नेपाल, कुवैत जैसे देशों में निर्यात‌ किया जाता है. उल्लेखनीय है कि उच्च गुणवत्तावाले जो पैड्स विदेशों में निर्यात किये जाते हैं, उन्हीं पैड्स को भारत के ग्रामीण इलाकों में बेहद सस्ती दरों में उपलब्ध कराया जाता है. दो पैड बेस के सेट और तीन पैड इनसर्ट की कीमत महज़ 260 रुपये है. अगर अच्छी तरह से उनका उपयोग किया जाये तो उनका इस्तेमाल 2-3 सालों तक‌ किया जा सकता है. एक बार इस्तेमाल कर फ़ेंक दिये जानेवाले पैड्स की तुलना में ऐसे पैड्स बेहद सस्ते होते हैं और इनकी क़ीमत एक दहाई तक कम होती है!

यह भी पढ़ें👉  मुसीबत: मयाली घनसाली मार्ग पर बुरांशकांठा पुल पर भारी मलबा गिरा, सिरोबगड़ पर भी मार्ग अवरुद्ध

स्कूल और कॉलेज छात्राओं के बीच जागरुकता फ़ैलाने के लिए सौख्यम ने उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, ऑल इंडिया वूमन कॉन्फ़्रेंस और हिमवैली सोशल फ़ाउंडेश के साथ गठजोड़ किया है. इस मौके पर उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफ़ेसर श्री सुनील कुमार जोशी कहते हैं, “अब सौख्यम के पुन:प्रयोग में लाए जानेवाले पैड्स का लाभ राज्य की तमाम किशोरियों व युवतिओं को मिल सकेगा. आज ज़रूरत इस बात की है कि लोग ऐसे उत्पादों को अपनाएं जो हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए लाभकारी हैं.”

अमृता स्कूल ऑफ़ मेडिसिन की ऑब्स्टेट्रिक्स व गायनोकोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. राधामणि के‌. कहती हैं, “माहवारी संबंधी स्वच्छता की अनदेखी का सीधा संबंध पुनुरुत्पादकता, मूत्र मार्ग, फ़ंगल इंफ़ेक्शन और हेपटाइटिस बी से होता है. ऐसे में माहवारी संबंधी स्वच्छता के लिए फिर से इस्तेमाल में लाये जानेवाले पैड्स की भूमिका बेहद अहम हो जाती है. सौख्यम पैड्स वज़न‌ में हल्के,‌ पहनने में बेहद आसान और एलर्जी व केमिकल से पूरी तरह से मुक्त होते हैं.”

एक बार कोई लड़की अथवा महिला पुन:प्रयोग वाले पैड्स का उपयोग करना शुरू कर देती है तो डिस्पोजेबल पैड्स से उसका मोहभंग हो जाता है. सौख्यम पैड्स के बारे में अपने‌ अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने‌ बताया, “पिछले कुछ सालों में पुन: प्रयोग किये जानेवाले पैड्स के‌ इस्तेमाल के‌ चलन में भारी बढ़ोत्तरी देखी गयी है. इनका इस्तेमाल करनेवाली ज़्यादतर लड़कियां मिलेनियल‌ यानी साल 2000‌ के बाद पैदा हुईं लड़कियां हैं. जहां युवतियां अपने‌ लिए इन पैड्स को‌ ख़रीद रही हैं तो वहीं उम्रदराज़ महिलाओं में अपनी बेटियों के लिए‌ इन्हें ख़रीदने का उत्साह देखा जा रहा है. उल्लेखनीय है कि इनके इस्तेमाल से त्वचा के चकत्ते से मुक्ति और माहवारी से जुड़ी ऐंठन से भी राहत मिलती है. पुन:प्रयोग में लाये जानेवाले पैड्स में किसी तरह का कोई केमिकल इस्तेमाल नहीं किया जाता है. यही वजह है कि माहवारी के समय इन्हें पहनकर महिलाएं राहत महसूस करती हैं.”

अंजू बिष्ट आगे कहती हैं, “सरकार को पुन:प्रयोग वाले पैड्स को लोकप्रिय बनाने के लिए इन्हें सरकारी योजनाओं के तहत स्कूलों में वितरित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इससे सरकार का आर्थिक बोझ भी कम होगा क्योंकि एक‌ बार इस्तेमाल‌ के बाद फ़ेंक‌ दिये वाले पैड्स की तुलना में फिर‌ से उपयोग में लाए जानेवाले पैड्स की क़ीमत बेहद कम होती है. हम उत्तराखंड के‌ तमाम ग्रामीण इलाकों में पुन:प्रयोग वाले पैड्स संबंधी अभियान से जुड़े अपने‌ तमाम साझीदारों के बेहद शुक्रगुज़ार हैं.”

यह भी पढ़ें👉  रात्रि में सफर कर रहे तीर्थयात्रियों की कार खाई में समाई, एक की मौत, तीन घायल

इस अनूठी पहल के बारे में बात करते हुए हिमवैली सोशल फ़ाउंडेशन की अध्यक्ष श्रीमती अनीता नौटियाल ने कहा “कोरोना‌ काल से पहले लोगों में सौख्यम के पुन:प्रयोग वाले पैड्स के बारे‌ में लोगों में जागरुकता फ़ैलाने‌ के लिए देहरादून में कार्यशालाओं का आयोजन‌ किया गया था. ऐसे में कई लड़कियों ने इस बदलाव को तहे-दिल से अपनाया. एक बार इस्तेमाल कर फेंक दिये जानेवाले पैड्स की तुलना में पुन:प्रयोग वाले पैड्स का उपयोग करना उनके लिए कहीं बेहतर साबित हुआ. ऐसे में अधिकांश महिलाओं ने पुन:प्रयोग वाले पैड्स को तवज्जो देनी शुरू कर दी है. हमें इस बात की बेहद ख़ुशी है कि हम एक बार फिर से इस तरह के कार्यशालाओं का आयोजन कर‌ रहे हैं.”

पिछले साल बीएमसी के तत्वाधान में महिला स्वास्थ्य संबंधी अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका में छपे एक अध्ययन के‌ मुताबिक, ज़्यादातर महिलाएं पैड्स को फिर से इस्तेमाल किये जाने के पक्ष में हैं. इसकी लोकप्रियता में इज़ाफ़ा होता देख केंद्र सरकार‌ ने‌ इन्हें ISO सर्टिफ़ाइड करने‌ का अहम फ़ैसला लिया.

पुन:प्रयोग वाले पैड्स के बारे में तमाम भ्रांतियों को दूर करते हुए अंजू बिष्ट कहती हैं कि हरेक बार इस्तेमाल करने के बाद पैड को धोने और अगली बार इस्तेमाल से पहले उसे पूरी तरह से सुखाने से पैड फिर से इस्तेमाल के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हो जाता है. वे आगे कहती हैं,‌ “इन्हें हमारे द्वारा इस्तेमाल किये जानेवाले अंतरवस्त्रों से अलग नहीं समझा जाना चाहिए. हमने‌ एकदम नये और पुन:प्रयोग वाले पैड्स को लेकर सूक्ष्मजीव परीक्षण भी किया और पाया कि दोनों में ज़्यादा फ़र्क़ नहीं है.”

सौख्यम की शुरुआत अमृता यूनिवर्सिटी में एक शोध परियोजना के तौर पर हुई थी,‌ लेकिन अब यह संपूर्ण रूप से एक‌ सामाजिक उपक्रम में बदल गया है. इस उपक्रम की मौजूदगी केरल, उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू, उत्तराखंड, पंजाब, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा जैसे राज्यों में है. इनकी अधिकांश बिक्री ऑनलाइन और ग्रामीण विक्रेताओं के ज़रिए होती है. उल्लेखनीय है कि सौख्यम को नैशनल इंस्टिट्यूट फॉर रूलर डेवलेमेंट की ओर से मोस्ट इनोवेटिव प्रोडक्ट का सम्मान हासिल हुआ है. इसे वूमन फॉर इंडिया ऐंड सोशल फ़ाउंडर नेटवर्क की ओर से सोशल एंटरप्राइज़ ऑफ़ द ईयर 2020 का भी पुरस्कार मिला है.

CopyAMP code
Debanand pant June 4, 2022
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram
इस खबर के बारे में आप क्या सोचते हैं?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Cry0
Surprise0
Previous Article अक्षय कुमार की फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ ने पहले दिन की करीब 11 करोड़ की कमाई, वीकेंड पर मेकर्स की नजर
Next Article मुख्यमंत्री ने चंपावत उपचुनाव की विजय को बताया प्रदेश की जनता के भरोसे की जीत
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अभी-अभी

ऋषभ पंत की करियर बेस्ट टेस्ट रैंकिंग, विराट-रोहित को पीछे छोड़ बने भारत के नम्बर एक टेस्ट बल्लेबाज
उत्तराखंड क्रिकेट
राजकीय इंटर काॅलेज कैलाश बांगर जखोली में तहसील दिवस का हुआ आयोजन
उत्तराखंड समाचार
मुसीबत: मयाली घनसाली मार्ग पर बुरांशकांठा पुल पर भारी मलबा गिरा, सिरोबगड़ पर भी मार्ग अवरुद्ध
उत्तराखंड समाचार
रात्रि में सफर कर रहे तीर्थयात्रियों की कार खाई में समाई, एक की मौत, तीन घायल
उत्तराखंड समाचार रुद्रप्रयाग
थल सेना में अग्निपथ योजना के तहत आवेदन शुरू, उत्तराखंड में अब तक इतने युवाओं ने किया अप्लाई
उत्तराखंड समाचार देहरादून
अल्मोड़ा पुलिस ने 03 युवकों को गिरफ़्तार कर सात लाख से अधिक कीमत की 12 बैटरियां बरामद की
अल्मोड़ा उत्तराखंड समाचार
किराये पर रहने वाली युवती के साथ गैंगरेप, जंगल में बेसुध हालत में छोड़कर फरार हुए आरोपी
उत्तराखंड समाचार
उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना, ऑरेंज अलर्ट जारी, कार्मिकों को नहीं मिलेगा अवकाश
उत्तराखंड समाचार

सबसे अधिक पढ़ी गई पोस्ट

  • बड़ी खबर: अग्निपथ योजना में सरकार का बड़ा फैसला, दो साल बढ़ाई उम्र की सीमा
  • रुद्रप्रयाग के बृजेश रावत ने IPL ड्रीम 11 में जीते 1 करोड़ रुपये
  • माय 11 सर्कल पर लगातार दो दिन उत्तराखंडियों की लगी लॉटरी, प्रियंका के बाद मुकेश भी बने करोड़पति
  • UKMSSB Recruitment 2022: उत्तराखंड में इन रिक्त पदों पर होगी भर्ती, सैलरी 177500 तक होगी, जाने कौन कर सकता है अप्लाई
  • हल्द्वानी मे रहने वाली महिला ने बैंक में लौटाए ATM पर निकले 6000, बैंक ने किया सल्यूट

Stay Connected

22.3k Followers Like
1k Followers Follow
45 Followers Pin
550 Followers Follow
10.5k Subscribers Subscribe

You Might Also Like

उत्तराखंड समाचार

राजकीय इंटर काॅलेज कैलाश बांगर जखोली में तहसील दिवस का हुआ आयोजन

July 6, 2022
उत्तराखंड समाचार

मुसीबत: मयाली घनसाली मार्ग पर बुरांशकांठा पुल पर भारी मलबा गिरा, सिरोबगड़ पर भी मार्ग अवरुद्ध

July 6, 2022
उत्तराखंड समाचाररुद्रप्रयाग

रात्रि में सफर कर रहे तीर्थयात्रियों की कार खाई में समाई, एक की मौत, तीन घायल

July 5, 2022
उत्तराखंड समाचारदेहरादून

थल सेना में अग्निपथ योजना के तहत आवेदन शुरू, उत्तराखंड में अब तक इतने युवाओं ने किया अप्लाई

July 5, 2022
अल्मोड़ाउत्तराखंड समाचार

अल्मोड़ा पुलिस ने 03 युवकों को गिरफ़्तार कर सात लाख से अधिक कीमत की 12 बैटरियां बरामद की

July 4, 2022
उत्तराखंड समाचार

किराये पर रहने वाली युवती के साथ गैंगरेप, जंगल में बेसुध हालत में छोड़कर फरार हुए आरोपी

July 4, 2022
उत्तराखंड समाचार

उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना, ऑरेंज अलर्ट जारी, कार्मिकों को नहीं मिलेगा अवकाश

July 4, 2022
उत्तराखंड समाचाररुद्रप्रयाग

डीएम की अध्यक्षता में राइंकॉ कैलाश बांगर में पांच जुलाई को आयोजित होगा तहसील दिवस

July 4, 2022
Show More
July 2022
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
25262728293031
« Jun    

हमारा पता -

बी-49, एकता एन्क्लेव, कारगीग्रांट देहरादून, उत्तराखंड
8237752878
[email protected]
रैबार का मतलब सन्देश से है। गढ़वाल में मौखिक रूप से अपनों के लिए सन्देश भेजने को रैबार कहा जाता है। सन्देश ले जाने वाला व्यक्ति रैबारी कहलाता है। रैबार उत्तराखंड डॉट कॉम भी एक सन्देश पहुंचाने का माध्यम है जनता से सरकार और सरकार से जनता तक। अगर आप अपने क्षेत्र की किसी खबर को पोर्टल पर प्रकाशित करवाना चाहते हैं तो आप हमसे दिए गए मेल एड्रेस पर सम्पर्क कर सकते हैं।




Raibaar Uttarakhand Raibaar Uttarakhand
Follow US

@Copyright 2017-2022 Raibaar Uttarakhand.

  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Donate

Removed from reading list

Undo
AdBlock Detected
Our site is an advertising supported site. Please whitelist to support our site.
Okay, I'll Whitelist
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?