सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष को बड़ा झटका देते हुए बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि ईडी (ED) को गिरफ्तार करने और समन भेजने का अधिकार बिल्कुल सही है। इसके साथ ही, पीएमएलए कानून के खिलाफ दायर याचिका को भी रद्द कर दिया। दरअसल, विपक्ष ने याचिका दायर PMLA के कई प्रावधानों को कानून और संविधान के खिलाफ बताया था। वहीं आज सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दायर याचिका को रद्द करते हुए कानून को सही बताया है। कोर्ट ने कहा, मनी लॉन्ड्रिंग एक स्वतंत्र अपराध है। उसे मूल अपराध के साथ जोड़ कर ही देखने की दलील खारिज की जा रही है। कोर्ट ने ये भी कहा कि, सेक्शन 5 में आरोपी के अधिकार भी संतुलित किए गए हैं। ऐसा नहीं कि सिर्फ जांच अधिकारी को ही पूरी शक्ति दे दी गई है।
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सेक्शन 18 वैध बताया साथ ही सेक्शन 19 में हुआ बदलाव भी करार किया है। सेक्शन 24 भी वैध है साथ ही 44 में जोड़ी गई उपधारा भी सही बतायी गई है। दरअसल, दायर याचिका में PMLA के कई प्रावधान कानून के खिलाफ बताए गए थे। दलीलों में इस्तेमाल गलत तरीके से किए जाने की बात की थी।