चम्पावत : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर जहां चंपावत जिले को मॉडल जिला बनाने की कवायद तेजी से चल रही है वहीं दूसरी ओर जिले के बाराकोट विकासखंड में लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव में दिक्कतों का सामना कर रहे है। हालात यह हैं कि गांवों में जो प्राकृतिक पानी के स्रोत हैं अब सूखने के कगार पर आ गए हैं प्रशासन द्वारा न ही स्वच्छता को लेकर कोई पहल चलाई जा रही है और न ही गांवों के सौन्द्रीयकरण के सम्बन्ध में गांवों में कोई योजना चल रही है।
बाराकोट विकासखंड के पड़ासोसेरा ग्राम सभा के लोगों ने अपने गांव के नोला के लिए नॉले की सौंदरीकरण के लिए जिलाधिकारी से निवेदन किया है कि नोले में गंदगी होने के कारण गंदगी बनी रहती है। गांव में लोग सफाई भी करते हैं लेकिन नाली न होने के कारण बार-बार गंदगी पैदा हो जाती है इसलिए जिलाधिकारी से सौंदरीकरण करने के लिए बजट पेश करने की कृपा करने के लिए कहा गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि उत्तराखंड सरकार के तहत नालों का सौंदरीकरण करने हेतु प्रयास किया जा रहा है लेकिन अभी तक गांव में ऐसी कोई योजना नहीं पहुंची है। उन्होंने जिलाधिकारी से निवेदन है कि उनके गांव में प्राकृतिक नोला सरक्षण के लिए जल्द से जल्द ठोस योजना बनाई जाय। साथ ही गांव के सौन्दर्यकरण को लेकर कार्य करने की जरूरत है। बता दें कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का गढ़ रहा बाराकोट ब्लाक विकास की रेस में अभी भी पीछे चल रहा है, सरकारी योजनाएं ठीक ठंग से धरातल पर नहीं उतर पा रही है, सड़कों के हालात खराब हैं। सरकारी स्कूलों की स्थिति भी अच्छी नहीं है। कुल मिलाकर इस क्षेत्र को डबल इंजन वाली पटरी से जोड़ने की जरूरत है।