नायक मूवीं मै आपने एक दिन के CM बनते हुये और एक दिन मे सरकार हिलाने वाले अनिल कपूर को तो देखा होगा। परन्तु रियल लाइफ मे यह कभी होगा किसी ने नही सोचा होगा।
ऐसा ही कुछ हुआ है आज उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी में और वो भी विश्व बालिका दिवस के मोके पर। विश्व बालिका दिवस के मौके पर महज 19 साल की महिला थानेदार पूनम रावत ने उत्तरकाशी जिले में कोतवाल का चार्ज संभाला।
इस दौरान उन्होंने चाइल्ड लेबर और शोषण के खिलाफ पूरे इलाके में जन जागरुकता अभियान चलाया। डीजीपी अनिल कुमार रतूङी जी की अनुमति के बाद पाॅलिटेक्नीक की छात्रा पूनम रावत को एक दिन के लिए कोतवाल बनाया गया था।
19 साल की पूनम रावत ने सुबह 11 बजे बजे उत्तरकाशी थाने में पहुंचकर थानाध्यक्ष महादेव उनियाल से 4 घंटे के लिए चार्ज लिया। इसके अलावा दिशा रावत को CWO_का पद, मेघा बुटोला को सहायक पुलिस,स्मिता पवांर हेमलता और राजेस्वरी भी उनकी टीम में सामिल रही।
बुधवार को थाने के कैंपस में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पूनम ने बाल मजदूरी और शोषण के खिलाफ एक नाटिका में कोतवाली प्रभारी की भूमिका निभाई। पूनम ने एक थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। इसके बाद पूनम थानाध्यक्ष की गाड़ी में पूरे उत्तरकाशी शहर में गश्त पर निकली। पूनम के साथ कुछ सिपाही भी गये।
जहां उन्होंन सरकारी स्कूल के बाहर खुली दुकानों में बेचे जा रहे तंबाकू और गुटके आदि को लेकर दुुकानदारों को चेतावनी दी कि दुकान के समाने 18 वर्ष से कम बच्चों को गुटका व तंबाकू न बेचे। वहां उन्होंने दुुकान के सामने 18 वर्ष से कम के बच्चों को शराब न देने को लेकर चेतावनी बोर्ड लगाने के निर्देश दिये। साथ ही पास के होटलों का भी जायजा लिया।
उन्होंने व्यापारियों को को स्पष्ट कहा कि अगर दुकान में शराब परोसते हुए पकड़े गये या शराब बरामद होती है तो कार्रवाई की जायेगी। इसके बाद पूनम उत्तरकाशी कोतवाली लौटी जहां उन्होंने थानाध्यक्ष महादेव उनियाल को कार्यभार सौंपा।
भुवनेश्वरी महिला आश्रम की पहल पर युवती को एक दिन के लिए थाना इंचार्ज बानाया गया था। इसके लिए पुलिस मुख्यालय से विशेष अनुमति ली गई थी। इसका उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्र की बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना है। ')}