देहरादून मेट्रो प्रोजेक्ट पर उत्तराखंड सरकार दो साल बाद भी अपना अंतिम निर्णय नहीं ले पाई है। कोई रोपवे प्रोजेक्ट पर जोर दे रहा है तो कोई मिनी मेट्रो की पैरवी में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। यही वजह है कि प्रोजेक्ट की डीपीआर भी बीच मजधार में अटक गई है। सवाल स्मार्ट सिटी का भी है। सवाल डबल इंजन सरकार से भी है कि क्या बजट को देखकर डबल इंजन की सरकार इसे टालने में तो नहीं तुली है?
दरअसल, सर्वे के दौरान मेट्रो लायक सवारी न मिलने की तथ्य सामने आने पर सरकार ने देहरादून में मेट्रो ना चलाने के बजाय मिनी मेट्रो (एलआरटी) चलाने का इरादा जाहिर किया था, एलआरटी एक तरह से मेट्रो का छोटा स्वरूप है, लेकिन पिछले तीन सालों से सिर्फ और सिर्फ बैठकें ही मेट्रो निर्माण में बाधा बन रही हैं।
राज्य के विधायक और आला अफसर लंदन सहित कई यूरोपीय शहरों का दौरा भी कर चुके हैं। तीन साल से मेट्रो का स्टाफ भी खाली बैठा है वो सरकार की और से अंतिम फैसले का इन्तजार कर रहे हैं । राज्य सरकार लाखों रूपये तनख्वा हर महीने दे रही है। इस बार शहरी विकास मंत्री ने मुख्यमंत्री से इस विषय पर बैठक बुलाकर अंतिम निर्णय लेने की गुजारिश की है।
यानी अब गेंद मुख्यमंत्री के पाले में है। सरकार का आखिरी निर्णय डबल इंजन के दम को भी दर्शायेगा और स्मार्ट सिटी की और हम कितना आगे बढ़ रहे हैं इस बात को भी जाहिर कर देगा। आपको बता दें कि देश सरकार ने मार्च 2017 में सत्ता संभालने के समय जनवरी 2021 में प्रस्तावित हरिद्वार महाकुंभ से पहले देहरादून-हरिद्वार- ऋषिकेश के बीच मेट्रो रेल सेवा प्रारंभ करने का इरादा जाहिर किया था। लेकिन बाद में माना जा रहा है कि मेट्रो प्रोजेक्ट बेहद खर्चीला है।
मेट्रो लायक सवारी भी इस रूट में नहीं मिल सकेंगे। फिलहाल तो प्रोजेक्ट की फाइनल डीपीआर भी अटक गई है। देहरादून मेट्रो रेल कारपोरेशन फरवरी में ही कम्परहैंसिव मोबिलिटी प्लान की रिपोर्ट आवास विभाग को सौंप चुका है। इस रिपोर्ट को आवास विभाग से हरी झंडी मिलने के बाद ही प्रोजेक्ट की डीपीआर फाइनल होगी। आवास विभाग चार महीने से प्रस्ताव को दबाए बैठा है।
बता दें कि देहरादून के दो आंतरिक मार्ग पर मिनी मेट्रो चलाने के लिए सर्वे का काम दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन कर रहा है। देहरादून से हरिद्वार के लिए प्रस्तावित रूट आईएसबीटी से प्रारंभ होकर नेपाली फार्म जाएगा। यहां ये रूट हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच प्रस्तावित रूट पर मिल जाएगा। कुल प्रोजेक्ट की लंबाई करीब 98 किमी आंकी गई है।
इस विषय पर अंतिम निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री से बैठक तय करने की गुजारिश की गई गई है। जल्द ही सरकार इस पर अंतिम निर्णय ले लेगी। मुख्य सचिव अत्पल कुमार ने बातया कि देहरादून-ऋषिकेश और हरिद्वार के लिए मिनी मेट्रो या फिर रोप वे में से कोई विकल्प अभी क्लियर नहीं हुआ है। अभी तो शासन में इसका परीक्षण होगा। जो भी बेहतर विकल्प होगा, सरकार उस पर विचार करेगी।