पौड़ी जिले के सीतोंस्यू में माता सीता का भव्य मंदिर बनेगा, पौराणिक मान्यताओं में जिस जगह पर सीता माता ने भू समाधि ली थी उसी जगह इस मंदिर का निर्माण होगा इसके लिए एक राज्यस्तरीय ट्रस्ट बनेगा, जिसके अध्यक्ष राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत होंगे।
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि मंदिर धार्मिक संस्थाओं एवं जन सहयोग से बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मंदिर के लिए देवी सीता से जुड़े सभी स्थानों की शिला, मिट्टी एवं जल लाया जाएगा। इसके साथ ही उत्तराखंड के सभी 13 जिलों से कुछ लोगों की कमेटी बनाकर उत्तराखंड के मंदिरों की शिला एवं मिट्टी भी सीता माता मंदिर के लिए लाई जाएगी।
मदिर में स्थित प्राचीन स्वरूप को वैसा ही रखा जाएगा, अर्थात उसकी पौराणिक शैली और वास्तु से छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा, इसे सिर्फ आकर्षक और भव्य बनाया जायेगा, देवप्रयाग से मंदिर तक श्रद्धालुओं के लिए आवागमन हेतु उचित व्यवस्थाएं की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीता माता के मंदिर के अलावा जटायु जी का मंदिर भी बनेगा जिसे सीता माता मंदिर के नजदीक ही बनाया जायेगा जिससे दोनों मंदिर के दर्शन एक बार में हो सकें और पर्यटन के
फलस्वारी गाँव होगा विश्वप्रसिद्ध–
मंदिर जिले के सीतोंस्यू इलाके के फलस्वारी गांव में स्थित है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पिछले साल नवंबर में घोषणा की थी कि यहां पर माता सीता का एक भव्य मंदिर बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा था कि जिले के कोट ब्लाक में फलस्वाड़ी गांव में स्थित सीता माता मंदिर को सीता सर्किट के रुप में विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की गई है। सर्किट में फलस्वाड़ी के सीता माता मंदिर, कोटसाड़ा के महर्षि वाल्मीकि मंदिर, देवल गांव स्थित श्री लक्ष्मण मंदिर समूह, विदाकोटी व देवप्रयाग स्थित श्री रघुनाथ मंदिर को जोड़ने की योजना है।
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