“पहाड़ों की रानी” के नाम से मशहूर मसूरी स्थित ऐतिहासिक सर जॉर्ज एवरेस्ट हेरीटेज हाउस के जीर्णोद्धार का कार्य पूरा हो चूका है जिसका लोकार्पण पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज द्वारा 7 दिसंबर 2021 को किया जाएगा। इस हेरिटेज हाउस के जीर्णोद्धार के लिए कुल 23.69 करोड रुपए खर्च किये जाने हैं। एशियाई विकास बैंक इसके लिए वित्तीय सहायता मुहैया करा रहा है। इस कार्य में सीमेंट नहीं बल्कि चक्की में पीसा हुआ चूना, सुर्खी, मेथी और उड़द की दाल को पानी के साथ पीसकर उसके लेप तथा लाहौरी ईंटों का उपयोग किया गया है।
मसूरी के हाथीपांव के निकट स्थित 172 एकड़ जमीन के बीचोंबीच बने सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस (आवासीय परिसर) और इससे लगभग 50 मीटर की दूरी पर स्थित प्रयोगशाला (ऑब्जर्वेटरी) का जीर्णोद्धार कार्य पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के द्वारा 18 जनवरी, 2019 को प्रारंभ करवाया गया था। अब दिसंबर को पर्यटन मंत्री इसका लोकार्पण करेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से निश्चित रूप से ‘देवभूमि’ उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। हम राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
बता दें कि सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी का नाम ‘माउंट एवरेस्ट’ रखा गया। उन्होंने जीवन का एक लंबा अर्सा पहाड़ों की रानी मसूरी में गुजारा था। वेल्स के इस सर्वेयर एवं जियोग्राफर ने ही पहली बार एवरेस्ट की सही ऊंचाई और लोकेशन बताई थी। इसलिए ब्रिटिश सर्वेक्षक एंड्रयू वॉ की सिफारिश पर वर्ष 1865 में इस शिखर का नामकरण उनके नाम पर हुआ। इससे पहले इस चोटी को ‘पीक-15’ नाम से जाना जाता था।