शुक्रवार को परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में संत नर्मदानंद बापजी द्वारा सम्पादित की जा रही 10,300 कि0मी0 लम्बी द्वादस ज्योर्तिलिंगों की यात्रा का उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने संत नर्मदानंद द्वारा राष्ट्र व समाज हित में की जा रही यात्रा को समाज व मानव कल्याण के लिये कल्याणकारी बताया।
उन्होंने कहा कि समाज कल्याण के लिये हमारे संतो के प्रयास सदैव सार्थक हुए हैं। पर्यावरण संरक्षण एवं गंगा की शुद्धता के लिये किये जा रहे संत नर्मदानंद के प्रयास फलीभूत होंगे, इसकी उन्होंने कामना की।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पर्यावरण के प्रति भारत समय पर जागा है। इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों से एक संदेश भी गया है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि गंगा गोमुख से गंगासागर तक निर्मल हो, गंगा ही नही देश की हर नदी स्वच्छ हो इसके लिये देश में जागरूकता का व्यापक प्रसार भी हुआ है।
संत नर्मदानंद ने कहा कि उनके द्वारा जल, जीवन व जंगल की रक्षा को लेकर यह यात्रा की जा रही है। देवभूमि उत्तराखण्ड भगवान केदार एवं गंगा का उद्गम क्षेत्र है। इस पावन क्षेत्र से उन्होंने यात्रा की शुरूआत की है। उन्होंने उत्तराखण्ड में पर्यावरण संरक्षण एवं गंगा स्वच्छता के लिये मुख्यमंत्री के प्रयासों की सराहना की।