125 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की नरकोटा से जवाड़ी के बीच बन रही 3.2 किमी लंबी निकास सुरंग की खोदाई का कार्य पूरा हो गया है। पिछले हफ्ते शनिवार को यह सुरंग आर-पार हो गई। इस सुरंग की खोदाई में 14 माह का समय लगा। सुरंग के आर-पार होते ही कंपनी के अधिकारियों और मजदूरों में खुशी की लहर दौड़ गई। भारत माता की जय के नारे लगने लगे। मेगा कंपनी द्वारा एडिट 7 के फेज वन पर 24 नवंबर 2021 से कार्य शुरू किया गया, जो 4 फरवरी को पूरा किया गया।
कंपनी के महाप्रबंधक एचएन सिंह ने बताया कि रेल विकास निगम के दिशा निर्देशों पर मेगा कंपनी द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। मुख्य टनल पर भी कार्य जारी है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग ब्राडगेज रेल परियोजना करीब 16,216 करोड़ की लागत से बन रही है। 2024 तक परियोजना का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। परियोजना के तहत योगनगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, ब्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, तिलनी, घोलतीर, गौचर, सिवाई (कर्णप्रयाग) में रेलवे स्टेशन बनेंगे। 126 किलोमीटर लंबी इस रेल परियोजना में 105 किलोमीटर लाइन सुरंगों के अंदर से गुजरेगी। जबकि 21 किलोमीटर ट्रैक खुले आसमान के नीचे बनेगा।