राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में मशरूम की खेती की अत्यधिक संभावनाएं हैं। यहां की जलवायु मशरूम उत्पादन के लिए काफी अनुकूल है। खाली मकानों में इसे आसानी से उगाया जा सकता है। इसलिए मशरूम खासकर उत्तराखंड के ग्रामीणों की आजीविका और रोजगार का महत्वपूर्ण साधन बनकर सामने आ रहा है।
देहरादून जिले के तहसील ऋषिकेश के रायवाला में विपिन चमोली आज मशरूम उगाकर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे है। मशरूम उत्पादन में महारत हासिल कर चुके विपिन चमोली ने 35 से 40 डिग्री तापमान में मशरूम उत्पादन कर इस क्षेत्र में रोजगार की नई संभावनाओं को जन्म दिया है जबकि आम धारणा यही है कि मशरूम उत्पादन कम तापमान (20 से 22 डिग्री) में ही संभव है।
विपिन ने खेती को मुनाफे का सौदा बनाया है और वो सरल, इनोवेटिव तरीकों के इस्तेमाल से मशरूम उगा रहे हैं। जिससे उनकी खेती की लागत बहुत कम आ रही है।
क्यों शुरू की थी मशरूम की खेती-
आजकल युवा आय का कोई विकल्प न होने और धान की परंपरागत खेती में अच्छा भविष्य न दिखने के चलते रोजगार की तलाश में अपना गांव छोड़कर शहरों में जा रहे हैं। इसी समस्या का हल ढूंढने के लिए विपिन ने भी मशरूम की खेती शुरू की ओर आज इस काम में उन्हें जो कामयाबी मिली है वो अभूतपूर्व है, इस काम मे उनके बड़े भाई नवीन चमोली भी उनका पूरा साथ दे रहे हैं।
ख़ास बातचीत में विपिन चमोली ने बताया कि इसका आइडिया उन्हें देहरादून के होलसेल मार्केट्स में मिला। उन्होंने पाया कि मशरूम की कीमत अन्य सब्जियों की तुलना में कहीं ज्यादा है। इसे 200 रुपए प्रति किलो पर बेचा जाता है और हर साल कीमतें 200 रुपए से लेकर 400 रुपए तक जाती हैं। यह जानकर उन्होंने इसी पर काम करने का सोचा। चूंकि मशरूम को घर के अंदर भी उगाया जा सकता है, इसलिए प्राकृतिक आपदाओं या जंगली जानवरों से उपज खराब होने का खतरा भी नहीं रहता है।
आगे विपिन चमोली ने बताया कि वो इस काम को आगे बढ़ाना चाहते है, वो चाहते हैं कि समूह बनाकर रोजगार देने का प्रयास किया जाय, जिससे प्रदेश के बेरोजगार भाइयों को रोजगार प्राप्त हो सके। उनका कहना है कि यह काम बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। अगर आपके पास कम पूंजी है तो भी आप इस काम को अपनाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगर किसी को मशरूम उगाने के ट्रेनिंग व जानकारी लेनी हो तो वह संपर्क कर सकता है संपर्क सूत्र 7017976019 है।
ह्यूमन राइट्स लाइव न्यूज़ चैनल के ब्यूरो डॉ. संतोष चमोली की कलम से।