अगर आप उत्तराखंड में राफ्टिंग करने और नदी से जुड़े खेलों का आनंद लेने के लिए यहां आने का सोच रहे हैं तो प्लान बदल दीजिये, जी हाँ उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश में रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग और अन्य जल खेलों पर रोक लगा दी गई है। ऋषिकेश निवासी हरिओम कश्यप ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि नियमों को ताक पर रखकर निजी व्यवसायियों द्वारा अस्थाई निर्माण करके राफ्टिंग कराई जा रही है।
नियोमों का उल्लंघन करते हुए राफ्टिंग के नाम पर गंगा नदी के किनारे कैंप लगाने शुरू कर दिए। गंगा नदी के किनारे मांस मदिरा का सेवन, डीजे बजाना प्रचलित हो गया। गंदा पानी और कूड़ा आदि भी नदी में डाला जा रहा है। जस्टिस राजीव शर्मा और लोकपाल सिंह की डिविजन बेंच ने खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले में खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिए हैं कि वे नदी के किनारे उचित शुल्क के बिना लाइसेंस जारी नहीं कर सकती। कोर्ट ने कहा कि खेल गतिविधियों के नाम पर अय्याशी करने की स्वीकृति नहीं दी जा सकती।
कोर्ट ने सरकार को रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग और अन्य जल खेलों के लिए उचित कानून बनाने का आदेश दिया है। कहा कि जब तक कानून नहीं बनता तब तक इन सब की अनुमति न दी जाए। राफ्टिंग कैंपों के संचालन की नदी किनारे स्वीकृति देने से नदियों का पर्यावरण दूषित हो रहा है।
जस्टिस राजीव शर्मा और लोकपाल सिंह की डिविजन बेंच ने कहा कि यह जानकर हम हैरान हैं कि राज्य सरकार नदियों के पास कैंपिंग की इजाजत दे रही है, यह नदी के साथ-साथ उसके आस पास के पर्यावरण को भी प्रदूषित कर रहा है। ')}