पिछले दो तीन में दिल्ली में उत्तराखंड की दो रोड़वेज बसों का चालान काटे जाने की सूचना है। जानकारी के अनुसार 23 नवंबर को ऋषिकेश डिपो की बस (यूके 07 पीए 1952) का दिलशाद गार्डन के पास दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी की टीम ने प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र नहीं होने पर एक लाख रुपये का चालान कर बस को सीज कर दिया।
वहीं, 25 नवंबर को एक बार फिर रुद्रपुर डिपो की बस (यूके 07पीए 1488) का चालान काटा गया, बताया जा रहा है कि आनंद विहार बस अड्डे के बाहर एनजीटी की ओर से बनाई गई दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी की टीम ने बस को रोककर कागजात चेक किए। टीम ने जब प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र मांगा तो ड्राइवर और कंडक्टर नहीं दिखा पाए। इस पर कमेटी ने बस का एक लाख रुपये का चालान कर बस को सीज कर दिया। बस की सवारियों को दूसरी बस से गंतव्य को भेजा गया।
एक के बाद एक चालान काटे जाने पर सोशल मीडिया पर मुद्दा उछाला जा रहा है और लोग रोडवेज प्रबंधन की खिंचाई कर रहे हैं। कई लोग सवाल पूछ रहे हैं कि रोडवेज अपनी बसों का प्रदूषण प्रमाणपत्र क्यों नहीं बना रहा है। पहले ही घाटे में चल रही रोड़वेज के लिए यह अच्छी खबर नहीं कही जा सकती।