12 फरवरी की रात्रि को जनपद रुद्रप्रयाग में हुए एक घटनाक्रम ने हर किसी को सोचने में मजबूर कर दिया गया था, कि क्या वास्तव में पहाड़ भी सुरक्षित नहीं रहे? क्या ऐसा वातावरण पहाड़ मे भी रच बस गया है? चूंकि माहौल चुनावी था तो कुछ भी सम्भव नहीं! इसी को हर कोई सच समझ रहा था। दरअसल, 12 फरवरी को रुद्रप्रयाग की 08 विधानसभा क्षेत्र रुद्रप्रयाग से उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के प्रत्याशी मोहित डिमरी पर 02 अज्ञात बाइक सवारों अर्थात कुल 04 लोगों द्वारा उन पर हमला तथा उनके वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। पुलिस की जब इस बात की सूचना मिलित तो पुलिस ने घटनाक्रम की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल पुलिस उपाधीक्षक रुद्रप्रयाग और प्रभारी निरीक्षक कोतवाली रुद्रप्रयाग घटनास्थल पर गये थे, परन्तु घटनास्थल पर कोई भी पीड़ित एवं उनके साथी मौजूद नहीं मिले थे। अपितु वहां पर अन्य कुछ लोग जो कि, इस घटना का पता चलने के बाद वहां आ गये थे, उनसे जानकारी प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ कि, इस घटना के पीड़ितों द्वारा घटनास्थल से नजदीकी निजी चिकित्सालय में जाकर स्वयं का उपचार कराया जा रहा था।
पुलिस द्वारा निजी चिकित्सालय पहुंचकर वहां से इनको सरकारी अस्पताल जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग ले जाकर मेडिकल कराया गया तथा इनसे तहरीर लेकर रात्रि में ही कोतवाली रुद्रप्रयाग पर अभियोग पंजीकृत कर लिया गया था, तथा विवेचना प्रचलित की गयी थी। उक्त अभियोग में पुलिस के स्तर से विवेचना पूर्ण कर ली गयी है, विवेचनात्मक कार्यवाही में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आयी है कि, उस दिन पुलिस को जो भी सूचना दी गयी थी, भ्रामक दी गयी थी, वास्तव में ऐसी कोई घटना घटित ही नहीं हुई थी। विवेचनात्मक कार्यवाही के दौरान सीसीटीवी फुटेज एवं कॉल डिटेल्स इत्यादि का गहरायी से विश्लेषण किया गया, जो लोग उस समय वहां पर मौजूद थे या जो भी इनके साथ कार में थे, तथा जो इनको लेकर निजी चिकित्सालय ले गये थे, सभी के बयानों के आधार पर यह बात सामने आयी है कि, इनके द्वारा चुनाव में फायदा लेने व सहानुभूति प्राप्त करने के इरादे से झूठी सूचना पुलिस को दी गयी थी, और एक ऐसा अपराध का घटनास्थल एवं वातावरण तैयार किया गया था, जिसमें इनके द्वारा खुद ही अपने वाहन के शीशे पत्थर से तोड़े गये तथा अपने पर कुछ हल्की चोटें लगवाईं गयी। और उस दिन इस घटनाक्रम को काफी बढ़ा-चढ़ा कर विभिन्न सोशल मीडिया एवं मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से प्रस्तुत कराया गया था।
विवेचना के बाद जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि, दिनांक 12 फरवरी 2022 की रात्रि को बनाई गयी उपरोक्तानुसार पूरी तरह से भ्रामक एवं झूठी है। मतदान से ठीक पहले इस प्रकार की घटना कारित करना पूरी तरह से निन्दनीय है, इनके द्वारा मतदान से 02 दिवस पूर्व ऐसे घटनाक्रम से जनपद में शान्ति एवं कानून व्यवस्था सम्बन्धी माहौल को खराब करने की साजिश की गयी थी, हालांकि जनपद पुलिस की सतर्कता एवं तत्परता से ये अपने इस कुत्सित इरादे में कामयाब नहीं हो पाये परन्तु इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता था कि, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से अन्य प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों द्वारा भी इस मुद्दे को तूल दिया जा सकता था। इस सम्बन्ध में पुलिस के स्तर से रिपोर्ट मा0 न्यायालय में प्रेषित की जा रही है तथा मा0 न्यायालय के आदेश से इस सम्पूर्ण घटनाक्रम में संलिप्त लोगों के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस ने अपील की है कि अपनी निजी स्वार्थ सिद्वि के लिए ऐसे झूठे प्रपंच रचकर भ्रामक कृत्य बिल्कुल भी न करें, जिसका नुकसान बाद में आपको ही हो, अपितु शान्ति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने में स्थानीय पुलिस प्रशासन का सहयोग प्रदान करें, यदि सहयोग नहीं भी दे सकते तो उपरोक्तानुसार कार्य तो बिल्कुल भी न करें।
उधर मोहित डिमरी ने प्रेस वार्ता कर इस मामले में पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस सत्ता पक्ष के साथ मिलकर इस घटना को फर्जी बता रही है। इस मामले में हम पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, इस मामले में हाईकोर्ट जायेंगे हो सकेगा तो सुप्रीम कोर्ट भी जायेंगे। पूरी जांच किये बगैर ही पुलिस ने मामले को भ्रामक बताकर जांच को भटकाने का प्रयास किया है, उन्होंने इस मामले में सीबीआई से जांच करने की मांग की है।