देहरादून: भीमल की चप्पल की मांग 👍👌👏
आयोजक उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद उद्योग निदेशालय, देहरादून एवं प्रायोजक विकास आयुक्त (हथकरघा) भारत सरकार द्वारा नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में दिन प्रतिदिन लोगों का अच्छा उत्साह देखने को मिल रहा है यह प्रदर्शनी 9 जनवरी तक चलेगी। यहां ऋषिकेश के ढालवाला में निर्मित भीमल के रेशे से बने चप्पलों की काफी मांग है यह चप्पल फ्रांस में भी निर्यात किया गया है। 👍
जी हां, क्या आप जानते हैं गांव में हम जिस भीयूंल यानी भीमल के रेशे उतारकर लकड़ी जलाने के काम में लाते हैं और रेशे फेंक देते हैं। उसी भीमल के रेशे से मजबूत और आरामदेह स्लीपर बन सकती हैं। ये स्लीपर जहां सालों साल चलती हैं वही ब्लड प्रेशर को नार्मल बनाने में भी सहायक होती हैं। हाल में प्रदेश के उद्योग निदेशालय को फ्रांस से भीमल से बनी 2000 स्लीपर भेजी। अब देहरादून में इन चप्पलों का क्रेज देखने को मिल रहा है। 👌 👍
इसके अलावा रिंगाल से बने सामान लैम्प, फूलदान, रिंगाल टोकरी काफी पसंद किये जा रहे हैं। दूनवासियों को अंगूरा से बने साॅल, टोपी, मफलर, स्वेटर व लेडिज शिल्क स्टाॅल एवं साॅल भी काफी पसंद किये जा रहे हैं। हमें लगता है कि आपको भी एक बार विजिट कर इस नेशनल हैण्डलूम एक्सपो में खरीद का आनंद लेना चाहिए। 👏