भारत के सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालंपिक्स में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने ‘भला फेंक’ में मेडल मैडल अपने नाम किया। उन्होंने F64 इवेंट में ये कारनामा किया। उन्होंने फाइनल में 68.85 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो किया। सुमित अंतिल का ये थ्रो वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बन गया है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत का ये दूसरा गोल्ड है।
गोल्ड जितने वाले सुमित की कुछ पहले मोटरसाइकल दुर्घटना में बायां पैर गंवा दिया था। इससे पहले वे पहलवान हुआ करते थे लेकिन हादसे के बाद उनकी जिंदगी बदल गई। उन्होंने बताया कि मैं 2015 में लोगों से मिलने स्टेडियम गया तो मैंने पैरा ऐथलीटों को देखा। उन्होंने कहा कि तुम्हारी कद काठी अच्छी है तो अगला पैरालम्पिक खेल सकते हो। कौन जानता है कि चैम्पियन बन जाओ।’ और ऐसा ही हुआ। उन्होंने कहा, ‘यह सपना सच होने जैसा है। मैं अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर पा रहा हूं।
बता दें कि रविवार को विनोद कुमार ने कांस्य पदक जीता था, लेकिन उनके विकार के क्लालिफिकेशन पर विरोध जताया गया, जिसके बाद मेडल रोक दिया गया, बीएसएफ के 41 साल के जवान विनोद कुमार ने 19.91 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से तीसरा स्थान हासिल किया था। लेकिन फिलहाल भारत के खाते में दो स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य पदक के साथ कुल सात पदक आ चुके हैं। कल भी भारत के लिए भाग्यश्री जाधव गोला फेंक में गोल्ड पर निशाना लगाएंगी।