2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से रिश्ता तोड़ सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 5 पन्नों का एक लेटर बम भी कांग्रेस पर गिराया है उनके इस लेटर ने कांग्रेस में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है दरअसल, गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी पार्टी से जाहिर की है। उन्होंने पत्र के माध्यम से कांग्रेस के साथ अपना 51 साल पुराना नाता तोड़ते हुए राहुल गांधी पर भी सीधा हमला बोल दिया।
गुलाम नबी आजाद ने इंदिरा गांधी से लेकर अब तक के दौर को याद दिलाते हुए सोनिया गांधी से कहा कि आपकी अध्यक्षता में पार्टी अच्छे से काम कर रही थी और सबसे मशविरा लिया जाता था। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस की यह व्यवस्था राहुल गांधी की 2013 में एंट्री के बाद ध्वस्त हो गई।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राहुल गांधी के आने के बाद सारे वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को किनारे लगा दिया गया। उनकी जगह गैर-अनुभवी और चापलूस दरबारियों ने ले ली। यही नहीं इन्हीं लोगों के हाथों में पार्टी के मामलों की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई। इसका अपरिपक्वता का बड़ा उदाहरण वह था, जब राहुल गांधी ने मीडिया की मौजूदगी में सरकार के अध्यादेश को ही फाड़ दिया। उस अध्यादेश पर कांग्रेस के कोर ग्रुप में चर्चा हुई थी और कैबिनेट से मंजूरी भी दी गई थी। ऐसे बचकाना व्यवहार ने प्रधानमंत्री और भारत सरकार की गरिमा को ही कमजोर कर दिया था। यह बाद में कांग्रेस की हार की भी वजह बनी थी।
बता दें कि एक दिन पहले ही कांग्रेस के युवा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उनसे पहले आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश की संचालन समिति छोड़ दी थी। हालांकि, 2022 में कांग्रेस से हार्दिक पटेल, सुनील जाखड़ समेत कई बड़े नाम पार्टी छोड़ चुके हैं, ऐसा लग रहा कि 2024 में बीजेपी के सामने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस को अनुभवी नेताओं की भारी कमी खलनी वाली है।