देहरादून : उत्तराखंड में 13 अलग-अलग स्थानों पर हेलीपोर्ट बनाने का काम जल्द शुरू होगा। केंद्र सरकार से स्वीकृत मिलते ही उत्तराखंड के नागरिक उड्डयन विभाग ने इस पर काम भी करना शुरू कर दिया है। हाल ही में भारत सरकार ने उड़ान योजना के तहत 100 दिन की कार्य योजना जारी की है जिसके अनुसार, उत्तराखंड में कम से कम पांच हेलीपोर्ट बनाने का प्लान है।
जानकारी के अनुसार, फिलहाल सबसे पहले चमोली जिले के गोचर और उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ में हेलीपोर्ट बनाये जायेंगे। बता दें इन जगहों पर अभी हेलीपैड तो है, लेकिन हेलीपोर्ट नहीं है। हेलीपोर्ट एक तरह का मिनी एयरपोर्ट की तरह से होता है, जहां एक से अधिक हेलीकॉप्टर खड़े हो सकते है। यहां पर एक तरह से हेलीकॉप्टर को पार्क भी किया जा सकता है। इसके अलावा यहां पर यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा का इंतजाम भी किया जाता है।
इनके रखरखाव, मरम्मत और ओवरऑल (एमआरओ) गतिविधियों के लिए एक नई नीति की भी घोषणा की गई है। कोरोना महामारी के दौरान एविएशन सेक्टर पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव से अब धीरे-धीरे ही सही लेकिन सेक्टर बाहर आते दिखाई दे रहा है।
उत्तराखंड में अभी देहरादून सहस्त्रधारा में हेलीपोर्ट मौजूद है, लेकिन इसे हेलीपोर्ट का दर्जा प्राप्त नहीं है, अब केंद्र सरकार ने इस हेलीपेड के साथ नई टिहरी, श्रीनगर, नैनीताल, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, जोशीमठ, हरिद्वार, धारचूला, रामनगर और मसूरी में भी हेलीपोर्ट बनाने को मंजूरी दे दी है, इन सभी जगह पर नागरिक उड्डयन विभाग ने जमीन तलाशने शुरू कर दी है। केंद्र सरकार चाहती है कि इस साल के आखिरी तक प्रदेश में कम से कम पांच ऐसे हेलीपोर्ट बनाकर पूरे कर दिए जाए इसके लिए वित्त विभाग जल्द ही वित्तीय स्वीकृति देगा।