हिमांचल प्रदेश में बुधवार को हुई दुखद घटना ने कई बेगुनाह और मासूमों को उनके परिवार से अलग कर दिया यह घटना तब जादा दुखद होती है जब ये पता लागता है की प्रदेश प्रशासन ही उन मौतों का कारण है पहाड़ी क्षेत्र में चलने वाली खराब व् पुरानी बसों की नियमित जांच नहीं की जाती है और लोग बैमोत मारे जाते हैं
विकासनगर से त्यूनी के लिए रवाना हुई बस में मीनस के समीप खराबी आ गई थी। बस के स्टेयरिंग में तकनीकी दिक्कत आ गई थी। बस के खाई में गिरने से पहले संयोगवश गूमा गांव निवासी नरेश ने कूद कर अपनी जान बचाई नरेश ने कहा मीनस के समीप बस के स्टेयरिंग का नट निकल गया था। तब चालक ने जुगाड़ कर इसके ठीक कर दिया। उस दौरान यात्रियों ने इस पर ऐतराज भी जताया। बस को सड़क किनारे खड़ा करने को कहा, लेकिन फिर से बस गंतव्य के लिए रवाना हो गई।
यदि इन बसों की समय पर जांच की जाए तो बार बार हो रही ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है कुछ गलतियाँ भले ही चालकों से होती होंगी लेकिन बसों और अन्य यातायात के संसाधनों की नियमित जांच भी प्रशासन द्वारा की जानी चहिये और पुरानी गाड़ियों को कम से कम पहाड़ी क्षेत्र में लाइसेंस नहीं देना चाहिए . ')}