देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार 22 जुलाई को रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण अभियान का शुभारम्भ किया। हजारों की संख्या में बच्चों, युवाओं, महिलाओं व बुजुर्गों ने पूरे जोश के साथ सहभागिता की। हिंदु, मुस्लिम, बौद्ध, सिक्ख सहित हर धर्म व समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस अभियान के तहत 2.50 लाख पौधों का रोपण किया जा रहा है। जिसकी शुरूआत केरवान गांव से की गई।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने मोथरोवाला में भी पौधारोपण किया। मोथरोवाला में रिस्पना के किनारे सद्भावना वाटिका विकसित की जा रही है। इस अभियान को देहरादून के सभी शिक्षण संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं, विभिन्न संस्थानों, विभागों के साथ ही आम जन सहभागिता के द्वारा संचालित किया जा रहा है।
रिस्पना नदी को ऋषिपर्णा के स्वरूप में पुनर्जीवित करने के अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने सभी से मिल रहे सहयोग पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि बरसात में भी बच्चे, युवा, महिलाएं, बुजुर्ग सभी लोग जिस उत्साह से भाग ले रहे हैं उससे पूरा विश्वास है कि हम नदियों के पुनर्जीवन में अवश्य सफलता प्राप्त करेंगे।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने एक छोटा सा संकल्प लिया था कि हम रिस्पना को पुनर्जीवित करने का प्रयास करेंगे और मुझे यह देखकर बेहद खुशी है कि भगीरथ की इस धरती पर हमारी नदियों को बचाने के लिए वास्तव में आमजन द्वारा भगीरथ प्रयास होने लगे हैं। रिस्पना को बचाने के लिए आज देहरादून और देहरादून से बाहर के बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, युवा, समाज का हर वर्ग उत्साहित है। गंगा की इस धरती पर हजारों भगीरथ आज यहां एकत्र हुए हैं।
सामूहिक प्रयासों से रिस्पना और कोसी को पुनर्जीवित करके हम उत्तराखंड का नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज करवा सकते हैं। जब ब्रिटेन के लोग एक भगीरथ प्रयास से टेम्स जैसी नदी को साफ कर सकते हैं, तो क्या उत्तराखंड के लोग व्यापक जन अभियान से रिस्पना की सूरत नहीं बदल सकते ? मुझे पूरा विश्वास है, आपके सहयोग, आपकी ऊर्जा और इस पुण्य भावना के साथ हम रिस्पना और कोसी का उत्थान करके ब्रिटेन के लोगों की तरह दुनिया के लिए एक आदर्श उदाहरण बनेंगे।
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लेकिन हमको बस यहीं पर नहीं रुकना है, आज जो पौधे हम सबने मिलकर लगाए हैं, उनके संरक्षण का जिम्मा भी हमें खुद उठाना होगा। पौधे लगने से रिस्पना के जलप्रवाह में सुधार होगा। आगे के चरणों में हमे रिस्पना के तट पर साफ सफाई का कार्यक्रम भी चलाना है। लेकिन हमें इस नेक जन आंदोलन की भावना को जीवित रखना है।
एक नदी के पुनर्जीवित होने से उसके साथ-साथ एक सभ्यता जीवित होगी, एक संस्कृति का पुनरुद्धार होगा, एक विरासत को भी नया जीवन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने जनपद देहरादून के जिलाधिकारी व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की भी सराहना की। ')}