उत्तराखंड में दून मेडिकल कॉलेज में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना देखने को मिली। एक शख्स अपने छोटे भाई की लाश कंधे पर उठाए इधर से उधर भटक रहा था। पीड़ित के पास शव को घर तक ले जाने के लिए एंबुलेंस करने के पैसे नहीं थे। अस्पताल से मदद की गुहार लगाईं लेकिन अस्पताल ने कोई सुध नहीं ली, अब इस मामले में मुख्यमंत्री से संज्ञान लेते हुए अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता पर नाराजगी जताई है साथ स्वास्थ्य सचिव नितेश झा से शाम तक पूरी रिपोर्ट तलब करने को कहा है, यदि को दोषी पाया जाता है तो संबंधित व्यक्ति को बख़्शा नहीं जाएगा।
दरअसल, बिहार के बिजनौर जिले के धामपुर में ठेली लगाने वाले पंकज का छोटा भाई सोनू हलवाई की दुकान में काम करता था, फेफड़ों के इंफेक्शन के चलते तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर इलाज के लिए देहरादून लाया गया था। इलाज के दौरान उसकी गुरुवार को मौत हो गई। अब शव को घर तक पहुंचाने के लिए पंकज ने अस्पताल में कई लोगों के आगे हाथ फैलाये। लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। किसी से मदद न मिलती देख पंकज खुद ही भाई के शव को लेकर निकला। आखिर किन्नरों और आस पास के लोगों ने उसकी मदद कर किसी तरह तीन हजार रूपये इक्कठा कर शव को घर छोड़ने के लिए प्राइवेट अम्बुलेंस को राजी किया। ')}