राज्य में लोक डाउन के बाद सभी प्राइवेट स्कूलों में भी शिक्षण कार्य लगभग बंद हो चूका है। सरकार द्वारा पहले ही जून तक सभी स्कूलों को बंद करने के आदेश भी जारी किये गए थे आदेश में यह भी कहा गया था कि जो स्कूल ऑनलाइन शिक्षण कार्य जारी रखना चाहते है तो उसे घर से ही जारी रख सकते हैं, ऐसे में कुछ स्कूलों ने शिक्षण कार्य बंद कर दिए तो कुछ स्कूलों ने इसे जारी रखा।
यहां बात शिक्षण कार्य से जुडी नहीं है दरअसल बात शिक्षण कार्य के नाम पर हो रहे लूट और वसूली की है। राज्य सरकार की और से अच्छी खबर आ रही है अब राज्य सरकार ने ऐसे स्कूलों पर सिकंजा कसना शुरू कर दिया है जो मनमानी फीस वसूल कर अभिभावकों को लूट रहे हैं। जैसे कि हमने पूर्व मे एक खबर लिखी थी तब हमें लोगों से शिकायतें मिली थी कि कुछ स्कूलों द्वारा अप्रैल में साल भर की कंप्यूटर फीस और एनुअल फीस के नाम पर अभिभावकों के साथ जमकर वसूली की जा रही है।
उस वक्त सरकार द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया लेकिन अब विद्यालयों द्वारा अभिभावकों से मनमर्जी की फीस वसूल करने पर प्रदेश सरकार ने रोक लगा दी है। साथ ही ऐसे विद्यालयों को चिन्हित करने के लिए कहा गया है जो अतिरिक्त फीस वसूल रहे हैं या मनमाने ढंग से फीस बढ़ा चुके हैं। ऐसे में कई स्कूलों गाज गिर सकती है कितने स्कूलों पर गिर सकती है यह जांच के बाद ही पता लग सकेगा। शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडेय ने राज्य में बन्द चल रहे विद्यालय की फीस भुगतान की प्रक्रिया के सम्बन्ध में नए निर्देश जारी किये गये हैं।
मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा गया है कि निर्देशो का पालन कराया जाए ऐसा न करने की दशा में कार्रवाई की जाएगी। मात्र ऑनलाइन / अन्य संचार माध्यमों से शिक्षण कराने वाले निजी विद्यालयों को विद्यालय बंद रहने की अवधि में मात्र शिक्षण शुल्क (Tuition Fees) लेने की अनुमति होगी।
अन्य किसी प्रकार का शुल्क अभिभावकों से नहीं लिया जायेगा। उक्त निर्देशों के वाबजूद भी संज्ञान में आया है कि कतिपय निजी विद्यालयों द्वारा विगत वर्षों में विभिन्न मदों (खेल, कम्प्यूटर आदि) में ली जाने वाली फीस को भी शिक्षण शुल्क में सम्मिलित कर अनुचित ढंग से शिक्षण शुल्क में वृद्धि कर ली गई है, जो उक्त निर्देशों का उल्लंघन है।
अतः निर्देशित किया जाता है कि तत्काल ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर जांच करें, जिनके द्वारा विभिन्न मदों के शुल्क को शिक्षण शुल्क में समाहित कर शिक्षण शुल्क लिया जा रहा है तथा दोषी पाये जाने पर सम्बन्धित विद्यालयों के विरुद्ध कार्यवाही करते हुये सुस्पष्ट आख्या अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें।