अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह (Andaman and Nicobar Islands) में फंसे उत्तराखंड के 50 से ज्यादा प्रवासियों ने उत्तराखंड सरकार से घर वापसी के लिए गुहार लगाईं है। लॉकडाउन के कारण देश में फंसे प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेनों और बसों की शुरूआत की है कुछ लोग घर पहुंचने के लिए पैदल या निजी वाहन का सहारा ले रहे हैं लेकिन हजारों किलोमीटर दूर अंडमान निकोबार में न तो सड़क यातायात की सुविधा है और न ही यहां कोई रेल मार्ग है।
ऐसे में यहां फंसे प्रवासियों की चिंता बढ़ गई है। ये सभी लोग पिछले दो महीने से यहां फंसे हैं और रहने-खाने का खर्च वहन नहीं कर पाने के कारण कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। इनकी मानसिक स्थिति पर भी लगातार दुष्प्रभाव पड़ रहा है। अंडमान से जगवीर पुंडीर ने रैबार उत्तराखंड को बताया कि पिछले दो महीने से वो यहां पर बिना खर्च-पानी के बड़ी मुश्किल से एक-एक दिन गुजार रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यहां नेटवर्क भी अच्छे से काम नहीं करता जिसकी वजह से अधिकतर लोगों के रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो पाए हैं। फिलहाल वो संकट में हैं और अपने घर जाना चाहते हैं। अब सरकार पर ही अंतिम आस टिकी है कि किसी तरह उत्तराखंड सरकार उन्हें टेक-ऑफ़ करें। अगर उत्तराखंड सरकार उनकी सुध नहीं लेती है तो आने वाले दिनों में उनकी स्थिति बेहद खराब हो जाएगी। उन्होंने अंडमान में फंसे लोगों कुछ लोगों की लिस्ट भी भेजी है।