सब्जी में ही लुट जाएगा देहरादून ! जी हैं मुनाफाखोर सब्जी बिक्रेताओं का आजकल धंधा चौकस हो गया है, आँख बंद कर सब्जियों के भाव बोले जा रहे हैं, और जनता भी खूब मजे से खरीद रही है। क्योंकि उन्हें अब महंगाई वाली आदत जो हो गयी है।
दरअसल देहरादून की सब्जी मंडियों में सब्जी के भाव आसमान पर हैं। हालाँकि ये भाव थोक में काफी कम हैं लेकिन सरकार की और से कोई नियंत्रण ना होने की वजह से इनके भाव जरूरत से जादा हो गए हैं।
सब्जी में इस तरह की मुनाफिखोरी से जनता लाचार हो गयी है। वहीं सरकार भी सब कुछ जानकर हाथ में हाथ धरे बैठी है। सब्जी के दामों में लूट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, कि थोक में 10 रूपये किलो मिलने वाला बीन्स अभी मंडियों में 80 रूपये किलो बेची जा रही है।
जो टमाटर आप अभी 60 रूपये किलो खरीद रहे हैं, उसकी कीमत भी इतनी जादा नहीं हैं मांग के हिसाब से पूर्ति ना होने की वजह बताई जा रही है, लेकिन बाजार में भर भर के ठेलियों को देखकर यह बिलकुल भी नहीं लग रहा है। थोक में 20 रूपये किलो वाला टमाटर तीन गुना मुनाफा कमाकर बेचा जा रहा है।
जानकारों की माने तो 15 नवम्बर तक टमाटर के दाम कम हो जायेंगे। लेकिन टमाटर को आड़ बनाकर यहां लूट का धंधा खूब चलने लगा है। गरीब आदमी के लिए सब्जी खाना मुस्किल हो गया है।
ये बाजार कुछ सब्जियों के दाम हैं जो थोक से कई गुना जादा दाम पर फुटकर विक्रेता बेच रहे हैं –
टमाटर- थोक में 15 से 25 रूपये – फुटकर 60 रूपये किलो ।
आलू- थोक में 3 से 5 रूपये – फुटकर 20 रूपये किलो।
प्याज- थोक में 15 से 20 रूपये – फुटकर 40 रूपये किलो।
बीन्स- थोक में 6 से 11 रूपये – फुटकर 80 रूपये किलो।
गोभी- थोक में 11 से 15 रूपये – फुटकर 40 रूपये किलो।
भिन्डी- थोक में 6 से रूपये – फुटकर 60 रूपये किलो।
मटर- थोक में 18 से 20 रूपये – फुटकर 100 रूपये किलो।
बैंगन- थोक में 7 से 10 रूपये – फुटकर 40 रूपये किलो।
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