देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली चमकने को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार के कई इलाकों में बारिश की संभवना है, बारिश की वजह से पर्वतीय क्षेत्रों में नदी नाले उफान पर आ सकते हैं कई गांवों का संपर्क कट सकता है।
बता दें कि हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र में बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने से खेत में काम कर रहे एक महिला और पुरुष की मौत हो गई। जब ही पौड़ी में आकाशीय बिजली गिरने से एक घर की छत क्षतिग्रस्त हो गई है। वही कोटद्वार नजीबाबाद रेल ट्रैक का ऑटोमेटेड सिस्टम फेल होने से कई ट्रेनें भी प्रभावित हुई है। मौसम विभाग के अनुसार आज नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं भारी बारिश होने के आसार हैं।
15 और 16 जून को भी राज्य के नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत, चमोली तथा रुद्रप्रयाग जनपदों में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग द्वारा जारी अपडेट के अनुसार इस दौरान उत्तराखंड कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है राज्य के नैनीताल, बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ जनपदों में अधिक खतरा है जहाँ भारी बारिश के साथ आकाशीय बिजली चमकने की संभावना जताई गई है, ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा झोंकेदार हवाएँ (40-50 कि. मी./घंटा) चलने की भी संभावना है।
मौसम विभाग द्वारा लोगों के साथ राज्य सरकार को भी सतर्क रहने की अपील की है-
भूस्खलन संभावित संवेदनशील इलाकों के समीप रहने वाले लोगो को सावधान रहने की जरुरत है ।
वाहन चलाते समय यात्रियों या वाहन से जाने वाले लोगों को सावधान रहने की जरुरत है।
लोगों को सलाह दी जाती है कि सावधानी पूर्वक यात्रा करें ।
छोटी नदी नालों के समीप रहने वाले लोगो तथा बस्तियों को सावधान रहने की जरुरत है।
राज्य सरकार के अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक कार्रवाही करने की सलाह दी जाती है।
मानसून को लेकर मुख्य सचिव ने ली बैठक-
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने मानसून की तैयारियों के संबंध में सभी जनपदों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मानसून अवधि में संभावित आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए सभी विभाग अपनी-अपनी तैयारियों को पुख्ता कर लें। यदि कुछ कार्य किए जाने शेष हैं तो समय पर उन्हें पूरा कर लें। मुख्य सचिव ने कहा कि आपदाओं का सामना करने में जहां आपदा पूर्व तैयारी महत्वपूर्ण है, वहीं त्वरित रिस्पांस टाइम भी बेहद जरूरी है। जितना बेहतर हमारा रिस्पांस टाइम होगा, उतना ही प्रभावी तरीके से हम आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्य करने तथा आम जनमानस को राहत पहुंचाने में सफल हो सकेंगे। उन्होंने आगामी मानसून सीजन के दौरान जलभराव की समस्या तथा अन्य आकस्मिकताओं से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल और चंपावत के जलभराव तथा बाढ़ प्रभावित इलाकों में मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव द्वारा जारी किए गए अन्य आवश्यक दिशा-निर्देशः
बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर मौसम पूर्वानुमान के अनुसार ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरिक्षत स्थानों में विस्थापित किया जाए।
बाढ़ आदि की संभावना के दृष्टिगत पूर्व से ही राहत शिविरों/सुरक्षित स्थानों का चिन्हीकरण किया जाए।
बाढ़ की स्थिति में पर्याप्त संख्या में नाव, राफ्ट की व्यवस्था की जाए।
राहत शिविर में लोगों के खान-पान तथा उपचार की व्यवस्था की जाए।
पशुओं के लिये सुरक्षित स्थान का चयन तथा उनके समुचित चारे एवं उपचार की व्यवस्था हो।
मार्ग बंद होने पर तुरंत खोलने के लिए जेसीबी तथा अन्य संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
वैकल्पिक व्यवस्था के दृष्टिगत बैली ब्रिज का भण्डारण।
खाद्यान्न, पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी का भण्डारण।
दूरस्थ क्षेत्रों में रास्ता बंद होने की स्थिति में स्थानीय दुकानदारों के पास आवश्यक वस्तुओं का भण्डारण सुनिश्चित किया जाए।
मानसून के दौरान होने वाली जल जनित संक्रामक बीमारियों के उचित प्रबंधन हेतु आवश्यक औषधियों का भण्डारण।
गर्भवती महिलाओं डाटा एकत्रित करना तथा इनके प्रसव हेतु समीपस्थ निजी/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का चिन्हीकरण किया जाए। बिजली तथा जलापूर्ति बाधित होने पर उपकरणों का समुचित भण्डारण।