अजय कप्रवाण, रुद्रप्रयाग: हैदराबाद में मैट्रिक्स फाइट नाइट-7 में पहली बार एमएमए (MMA) मुकाबले में रुदप्रयाग के अंगद बिष्ट ने मणुपिर के फाइटर चुंगरेन कोरेन को हराकर चौथी बार फ्री स्टाइल फाइट जीती है। उन्होंने तीन राउंड की फाइट में विपक्षी फाइटर को मात दी। अंगद बिष्ट अंगद बिष्ट रुद्रप्रयाग के पट्टी धनपुर के छोटे से गांव ग्वाड के रहने वाले हैं। उनके पिता मोहन सिंह बिष्ट मिठाई की दुकान चलाते हैं। बेटे की इस जीत से वे बहुत खुश हैं।
खतरनाक खेलों में माने जाने वाले इस खेल में करियर बनाना सुरक्षित नहीं है चोटिल होने का खतरा भी काफी ज्यादा है इसके बावजूद उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग के अंगद बिष्ट ने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में ही करियर बनाने की ठानी है। अंगद पढ़ाई में अच्छे थे मेडिकल की पढ़ाई के लिए कोचिंग करने लगे इसी दौरान जिम और फिटनेस को लेकर रूचि बढ़ी और यहीं से मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स फाइटर बनने की शुरुआत हुई। अंगद देहरादून में फिटनेस ट्रेनर भी हैं, वे लगातार अन्य युवाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं। उनका सपना है कि अल्टीमेट फाइटिंग चैंपयनशिप में खेलकर देश के लिए फाइट जीतें।
आज वे इस खेल में एक के बाद जीत के साथ अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं। मार्शल आर्ट्स फाइट की दुनिया में उन्हें स्लैम किंग के नाम से भी जाना जाने है। मार्शल आर्ट्स का मतलब युद्ध की कला से है मार्शल आर्ट को विज्ञान और कला दोनों माना जाता है। इनमें से कई कलाओं का प्रतिस्पर्धात्मक अभ्यास भी किया जाता है। दुनियाभर में यह खेल आज प्रोफेशनल स्पोर्ट्स के तौर पर पहचान बना चूका है वहीं भारत में शुरुआती स्टेज में कह सकते हैं लेकिन इसमें करियर बनाने की बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं।