रुड़की के नंदा इंक्लेव में आज सुबह मातम पसरा हुआ था। शांति सेना में लेबनान में तैनात जाट रेजीमेंट के जवान रमेश नेगी का शव उनके घर पहुंचा तो रोने की आवाजों ने सन्नाटे को तोड़ा। दो बेटियों के पिता रमेश नेगी मूल रूप से चमोली जिले के निवासी थे। 10 जुलाई को उनकी मौत हो गई थी और तभी से सदमाग्रस्त परिवार को उनके पार्थिव शरीर के घर लाए जाने का इंतजार था। आज सैनिक सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी गई।
रमेश नेगी की पत्नी गस खाकर गिर रही थीं तो बेटियां रो-रोकर बेहाल थीं। रमेश नेगी 1998 में सेना में भर्ती हुए थे और 2016 में रुड़की आकर बसे। वह मूल रूप से चमोली के रहने वाले थे। सेना के अनुसार 10 जुलाई को लेबनान में उन्हें हार्ट अटैक आया था। सेना के अन्य साथी उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर गए लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। भारत आने पर विदेशी और देशी सेना ने सलामी देकर उन्हें अंतिम यात्रा के लिए विदा किया-