रुद्रप्रयाग: चारधाम परियोजना प्रभावित संघर्ष समिति ने प्रभावित व्यवसायियों और भवन स्वामियों को मुआवजा देने एवं पुनर्वासित करने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को पत्र भेजा।
संघर्ष समिति ने चेतावनी देते हुए कहा कि एक सप्ताह के भीतर सरकार ने मांगे नहीं मानी तो सात दिसम्बर को जिला बंद कर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया जायेगा।
संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि चारधाम परियोजना से जनपद रुद्रप्रयाग के खांकरा से कमेड़ा और रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक दोनों राष्ट्रीय राजमार्ग के मुख्य बाजारों में भवन एवं दुकानें व लघु उद्योग तोड़े जा रहे हैं।
अधिकारियों का कथन है कि सरकारी भूमि पर बने मकानों, दुकानों, खोखों का मुआवजा नहीं मिलेगा। जो मकान तोड़े जा रहे हैं, उनमें कई पीढ़ियों से संचालित व्यवसायों के उजड़ जाने से उनके संचालक और उनमें कार्य करने वाले जिले के लगभग 35 सौ परिवारों के सामने रोजगार का गंभीर संकट पैदा होने जा रहा है। स्वाभाविक है कि इतने परिवारों को भी अन्यत्र पलायन करना पड़ेगा।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष मोहित डिमरी और महामंत्री अशोक चैधरी ने कहा कि चारधाम परियोजना से प्रभावित सभी व्यवसायियों एवं भवन स्वामियों को न्यूनतम दस लाख रुपये मुआवजा दिया जाय और उनकी सम्पत्ति का मूल्यांकन कर उसका चार गुना अधिक मुआवजा दिया जाय।
व्यवसायियों के पुनर्वासन हेतु मार्केटिंग काॅम्पलेक्स बनाकर उनके व्यवसाय को पुनस्र्थापित करने की योजना इस परियोजना में सम्मिलित की जाय। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रभावितों की मांगों का निराकरण नहीं किया तो प्रभावित सड़कों पर उतरकर अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे। आंदोलन के पहले चरण में जिला बंद कर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा। ')}