2017 मानो ये साल उत्तराखंड की बेटियों के नाम हो गया है जिन बेटियों को हम बोझ समझते थे वो बेटियां अपनी माँ बाप का नाम रोशन कर रही हैं साथ ही वो आने वाले हजारों विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा भी बन रही हैं अगर मेहनत और लगन है तो कामयाबी एक न एक दिन कदम चूमती हैं देहरादून क्लैमनटाउन की रहनी वाली शीतल बिष्ट इसरो में वैज्ञानिक बनकर देश का नाम रोशन करेगी शीतल की इस उपलब्दी ने प्रदेश के लोगों को गर्व से गद गद कर दिया है
शीतल मूल रूप से पौड़ी जिले के गगवाडस्यूं पट्टी की बंणगाव मल्ला गॉंव की रहने वाली हैं फिलहाल वो देहरादून क्लैमनटाउन में रहती हैं पिता संतोष बिष्ट सेना में अपनी सेवा दे चुके हैं और उनकी माता श्रीमती अंजना देवी गृहणी हैं
शीतल पढाई में होनहार थी उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा देहरादून में ही हासिल की उसके बाद ग्राफिक एरा विश्वविध्यालय से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया इस बीच उन्हें कई नोकरी के ऑफर प्राप्त हुए लेकिन अपनी लम्बी तैयारियों के चलते उन्होंने साफ़ इनकार कर दिया उनका मन कुछ ख़ास करने का था
उसके बाद इसरो से आईसीआरबी परीक्षा का फॉर्म भरा और पहले ही प्रयास में वो सफल हो गयी और इसरो में सेलेक्ट हो गयी हाल ही में उन्होंने इसरो ज्वाइन कर लिया है उन्होंने अपने अनुभवों को सबके साथ शेयर कर कहा कि उन्होंने कभी इसरो की वैज्ञानिक बनने का नहीं सोचा था लेकिन कुछ अच्छा करना चाहती थी उन्होंने कहा कि इसरो में उन्होंने कण्ट्रोल रूम में बैठकर जीसेट-9 की लौन्चिंग लाइव देखी उन्होंने कहा कि दुनिया के अनेक प्रतिभावान वैज्ञानिकों के बीच उन्हें रहने का मौका मिला है. ')}