भगवान वासुदेव जी के दर्शन करने देश विदेश से लोग घर आते हैं । क्योंकि भगवान वासुदेव जी का आशिर्वाद लोगों को धन्य कर देता है। ये अवसर इसलिऐ भी खास है क्योंकि यह यज्ञ 24 साल मे एक ही बार आता है। जो इस बार भी आ गया है महायज्ञ 29 जनवरी से शुरू हो गया है ओर भक्तों की भरमार के बीच वासुदेव भगवान की जयजयकार होनी लगी है ओर क्यों न हो वही दाता है हम तो बस मांग सकते हैं ओर मांगोगे तो वो जरूर देगा क्योंकि आपको साक्षात दर्शन मिल रहे हैं।
जिला रूद्रप्रयाग के बांगर क्षेत्र में कल 29 जनवरी से ईष्ट आराध्य श्री भगवान वासुदेव जी का पुजारगांव बांगर में 21 वर्षो बाद क्षेत्र के सभी लोगोंं के विशेष सहयोग से वैदिक परम्परा से मन्त्रोचार के बाद एक विशाल लक्ष महायज्ञ का शुभारम्भ हो गया है । इस पुनीत और पावन पर्व पर कई श्रद्धालु गण श्री भगवान वासुदेव मन्दिर मे पहुंचे ओर भगवान का आर्शिवाद अर्जित किया।
जिला रूद्रप्रयाग के बांगर क्षेत्र में कल 29 जनवरी से ईष्ट आराध्य श्री भगवान वासुदेव जी का पुजारगांव बांगर में 21 वर्षो बाद क्षेत्र के सभी लोगोंं के विशेष सहयोग से वैदिक परम्परा से मन्त्रोचार के बाद एक विशाल लक्ष महायज्ञ का शुभारम्भ हो गया है । इस पुनीत और पावन पर्व पर कई श्रद्धालु गण श्री भगवान वासुदेव मन्दिर मे पहुंचे ओर भगवान का आर्शिवाद अर्जित किया।
महायज्ञ 29 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा । इस बीच हजारों श्रद्धालु पर दिन भगवान वासुदेव जी के दर्शन करने के लिऐ यहां पहुंचेगे।
कैसे पहुंचे –
21 साल बाद यह अवसर आया है कि यह यज्ञ हो रहा है आजकल के सभी नौजवान यह नही जानते कि यह स्थान कहां है ओर यहां कैसे पहुंचे ? आपको हम बता देते है । रूद्रप्रयाग तक चलो ठीक है सभी जानते है वहां से तिलवाडा ओर फिर मयाली के लिऐ रवाना होना है मयाली से अब बांगर रोड की ओर बडना है ठीक मुनियाघर गांव के बाद नीचे की ओर नयी सडक जाती है यह स्थान गोरपा कहलाता है ओर फिर आगे आप बलिहारी गांव से कुण्डु गांव होते हुऐ पुजारगांव बांगर पहुंचेगे जहां भगवान वासुदेव का प्राचीन मन्दिर स्थित है 2 नदियों के बीच मे बसा है मन्दिर । 18 दिन के इस यज्ञ के लिऐ बडी तैयारी की गई है ।
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