सांस की नली से एलईडी बल्ब निकाल कर 9 महीने की बच्ची की बचाई जिंदगी घर में खेलने के दौरान एक 9 महीने की बच्ची के सांस की नली में गलती से एलईडी डायोड बल्ब चली गयी थी। बच्ची विकासनगर से पूरे शहर के अस्पतालों में उम्मीद की गुहर लेकर 2 बजे से यहां से वहां दौड़ रही थी पर राहत की कोई श्वास नहीं था। फिर रोगी कैलाश अस्पताल आया जहां उसे तुरंत डॉ. रोहित श्रीवास्तव और डॉ. मेनक-पेडियट्रिशियनों द्वारा देखा गया उन्होने बिना देरी किये डॉ. वैभव चाचरा जो एक इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट हैं (छातीरोग विशेषज्ञ) को दिखाया।
बच्ची को बहुत गंभीर हालत में किसी भी जांच के बिना कम ऑक्सीजन और बेहोश अवस्था में वेंटिलेटर पर लाया गया था। रोगी को कैलाश अस्पताल में रात 8.15 बजे भर्ती कराया गया था और उसकी नब्ज को स्थिर करने के बाद देर रात 10 बजे सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। डॉ. वैभव ने कहा कि बच्ची कैलाश अस्पताल में समय पर आ गयी नहीं तो बच्ची अपना जीवन खो सकती थी।
फॉरेन बॉडी-एक एलईडी बल्बकी खुली हुई तारों की वजह से पहले से ही सांस की नली में बहुत नुकसान पहुंचा दिया था और यहां तक गले के दाईं ओर के फेफड़ों में निमोनिया पैदा हो गया था। एक जटिल ऑपरेशन में फॉरेनबॉडी-को रीजीड ब्रोंकोस्कोपी की मदद से सफलतापूर्वक निकाल दिया गया । कैलाश अस्पताल में सारी अन्य आधुनिक सुविधाए, होने के कारण ही यह संभव हो सका, और एक नन्हीं बच्ची को नया जीवनदान मिला। इस प्रक्रिया के बाद बच्ची के स्वास्थ्य में काफी सुधार है, बहुत अच्छा कर रही है और अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है ')}