मसूरी घुमने आऐ दम्पतियों को बुंरास का फूल बहुत पंसद आया उन्होने इसे खाया भी ओर जमकर फोटो भी खिंचवाई । इस समय पर पहाडो मे बुंरास बहुत अधिक मात्रा मे खिला हुआ है जिनका यहां आने वाले पर्यटक भी खूब लुफ्त उठा रहें हें कइ विदेशी सेनानियों को श्रषिकेश मे बुंराश के साथ फोटो खिंचते देखा जा सकता है ।
वो छोटे पेड़ो से बुंरास को खुद निकालते हैं उनके लिऐ ये ऐक नायाब फ्लावर है जिसे वो अपने साथ ले जाना पसन्द करते हैं।
लाल बुंरास के फूल के हाथ पर होने से चेहरे रंग भी खिल जाता है ओर विदेशी सैंनानी इस पल को हमेशा अपने केमरे मे कैद कर लेते हैं।
तभी तो नरेन्द्र सिंह नेगी जी ने वो सुन्दर गाना गाया था – मेरा डांडी काठ्यों का मुलुक जैल्यु बंसन्त त्रतु मा जैल्यु। ')}