देहरादून: एक सितंबर से यातायात बाधित करके वाहन खड़ा करने पर 500 रू. प्रति घंटा का जुर्माना होगा, अनाधिकृत रूप से सार्वजनिक स्थानों व सड़कों पर ऐसे वाहन रखने वालों पर कार्यवाही होगी । साथ ही सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसी या विभाग द्वारा वाहन हटाने पर हटाने के शुल्क के अतिरिक्त वाहन रखने का शुल्क भी वाहन स्वामी या सम्बन्धित इंजार्च से वसूला जायेगा।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता तथा कानून विशेषज्ञ नदीम उद्दीन एडवोकेट ने सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय से यातायात बाधित करके सार्वजनिक मार्ग पर वाहन खडे़ करनेे वालों पर कार्यवाही सम्बन्धी नियम प्रावधानों की सूचना मांगी थी। इसके उत्तर में सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी काशीपुर ने अपने पत्रांक 1359 से धारा 122 तथा 201 की फोटो प्रति उपलब्ध करायी हैै।
श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार धारा 122 में यान को खतरनाक स्थिति में छोड़ने का निषेध किया गया है तथा धारा 201 मेें यातायात के मुक्त प्रवाह में अवरोध डालने के लिये जुर्माने का प्रावधान है।
संशोधित धारा 201 के अनुसार जो कोई किसी वाहन को किसी सार्वजनिक स्थान पर ऐसी रीति से रखेेगा जिससे कि यातायात का मुक्त प्रवाह अवरूद्ध होता है तो वह जब तक वाहन उस स्थििति में रहता है प्रति घंटा पांच सौै रूपये तक के जुर्माने के लिये जिम्मेदार होगा।
इसके अतिरिक्त मोटर वाहन अधिनियम की धारा 122 के अनुसार किसी मोटर वाहन का भारसाधक व्यक्ति किसी यान या ट्रेलर को किसी सार्वजनिक स्थान पर न ता ऐसी स्थििति में, न ऐसी हालत में और न ऐसी परिस्थिति में छोड़ेगा या रहने देेगा या छोड़ने या रहने की अनुमति देगा, जिससे सार्वजनिक स्थान पर उपयोग करने वाले अन्य व्यक्तियों या यात्रियोें को खतरा, बाधा या असम्यक असुविधा हो या होने की संभावना होे।
श्री नदीम नेे बताया कि बिना सीट बेल्ट व हेलमेट के वाहन चलाने पर 100 के स्थान पर एक हजार, अधिक रफ्तार पर गाड़ी चलाने पर 400 रूपये के स्थान पर एक हजार (हल्के वाहन) दो हजार (मीडियम यात्री वाहन), शराब पीकर गाड़़ी चलाने पर दो हजार के स्थान पर दस हजार, दोपहिया वाहनों पर क्षमता से अधिक वजन के मामले में सौ रूपयेे के स्थान पर दो हजार के जुर्माने तथा तीन महीने के लिये लाइसेंस निलम्बित करने का प्रावधान शामिल हैै।
इसके अतिरिक्त नाबालिग द्वारा ड्रांइविंग करने पर अभिभावक तथा वाहन के मालिक को 25 हजार रूपये तक के जुर्माने के साथ तीन साल की सजा का प्रावधान किया हैै साथ ही सम्बन्धित बालक पर भी किशोर न्यायालय में मुकदमा चलाने तथा साथ ही सम्बन्धित वाहन का एक साल के लिये रजिस्ट्रेशन निरस्त होने संबंधी प्रावधान शामिल है।
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