🔸 लगभग समस्त उत्तर भारत में फैला है गिरोह
🔸 खाली घर,बुजुर्ग दंपत्ति को बनाते हैं निशाना
🔸 लगभग 25 लाख के जेवर व नगदी बरामद, 02 फरार की तलाश जारी
🔸 DIG/SSP हरिद्वार महोदय द्वारा PC में खुलासा
🔸 मीडिया व आमजन द्वारा सराहना
आज पुलिस कार्यालय हरिद्वार में आयोजित प्रेस वार्ता में जनपद पुलिस मुखिया डॉ योगेंद्र सिंह रावत द्वारा एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार की उपस्थिति में ऐसे शातिर गैंग का खुलासा किया गया जिसने विगत कुछ दिनों से पूरे हरिद्वार जनपद में एक के बाद एक ताबड़तोड़ चोरियों की और दिनांक 26 मई की रात्रि गश्त कर रहे कोतवाली ज्वालापुर के जवानों द्वारा पकड़े जाने पर, अपने साथी को छुड़ाने के लिए दुस्साहस कर पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया जिसमें एक पुलिसकर्मी को अपनी आंख गंवानी पड़ी।
चूंकि पुलिस एक व्यक्ति न होकर एक संस्थागत सरकारी ढांचा है जिसमें किसी भी “एक पर हमला” पूरे सिस्टम पर हमला होने के कारण मामला काफी गंभीर प्रकृति का था| सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज के आधार पर घटना के चंद घंटों बाद जब हरिद्वार पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से तत्समय इनकी संभावित फोटो वायरल कर जनता से हरिद्वार पुलिस को मदद करने का आग्रह किया तो कई व्यक्तियों द्वारा जहां पुलिस को अनफिट, नकारा और न जाने क्या-क्या कह कर पुलिस की कार्यशैली पर ही सवाल उठा दिए जबकि अचानक प्रकट हुए कुछ ज्ञानी लोगों ने बजाए कोई लाभप्रद जानकारी देने के, सोशल मीडिया पर अधकचरा ज्ञान बांटते हुए अपने पक्ष में नकारात्मक सोच का एक माहौल तैयार कर लिया। वहीं कुछ अच्छी व गंभीर सोच के व्यक्तियों द्वारा घायल सिपाही के स्वस्थ होने की कामना करते हुए अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ने का हरिद्वार पुलिस पर विश्वास जताया गया जिसका हरिद्वार पुलिस आभार व्यक्त करती है।
इस घटना को एक चैलेंज के रूप में लेते हुए जनपद पुलिस मुखिया द्वारा एसपी सिटी की अगुवाई में पुलिस टीमों का गठन कर स्वयं भी इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग की गई जिस कारण अपने लक्ष्य के प्रति केंद्रित पुलिस टीमों द्वारा इन शातिरो को गिरफ्तार कर जब जानकारी की गई तो कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई।
💎 अभियुक्तों की विशेषता-
उक्त सभी अभियुक्त पारदी जनजाति के खानाबदोश लोग हैं जो विशेषत: मध्य प्रदेश के उज्जैन, गुना, ग्वालियर, मंदसौर एवं आसपास के रहने वाले हैं लेकिन अपराध करने में बेहद ही शातिर हैं और पकड़े जाने के डर से अक्सर अपने राज्य में वारदात न कर अन्य बाहरी राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, बिहार, दिल्ली, उत्तराखंड, महाराष्ट्र आदि राज्यों में अपराध करते हैं क्योंकि बेहद ही शातिर है, पकड़े नहीं जाते, जिस कारण कई राज्यों की पुलिस की रडार पर हैं पर सफलता हरिद्वार पुलिस के हाथ लगी।
💎 अपराध करने से पहले-
यह लोग अपना स्थान छोड़कर काफी दूर अपराध करने जाते हैं और अपने साथ अपना पूरा कुनबा लेकर चलते हैं अपने बच्चों को बड़े बड़े धार्मिक स्थलों रेलवे स्टेशनों बस अड्डों आदि स्थानों के आस-पास स्थाई रूप से पन्नी की झोपड़ी व बिछौना डालकर रहना शुरू करते हैं किसी को शक न हो तो दिखावे हेतु दिन के समय बच्चों के खिलौने गुब्बारे फूल प्लास्टिक का सामान बेचने का काम करते हैं इसी दरमियान रास्तों की जानकारी हेतु दिन के समय बैटरी रिक्शा अथवा अन्य कोई छोटा मोटा काम करने के बहाने से पॉश कॉलोनी में जाकर रेकी कर अधिकांश ऐसे घरों को टारगेट कर चोरी की घटनाओं को अंजाम देते हैं जो बंद हो अथवा जिनमें बुजुर्ग दंपत्ति हों।
💎 घटना करने के औजार-
कोई भी आदमी अगर देर शाम या रात के समय इनको पकड़ भी ले तो शक नहीं कर सकता और इनकी दीन हीन स्थिति देखकर तुरंत छोड़ देगा क्योंकि घटना के समय ये लोग अपने पास सिर्फ एक पिट्ठू बैग जिसमें पाना (नट बोल्ट खोलने का औजार जो बेहद मजबूत होता है) रिंच, गुलेल तथा कपड़े रखते हैं। पाना वा रिंच का प्रयोग ताला तोड़ने, गुलेल का प्रयोग आत्मरक्षा (क्योंकि जनजाति इलाकों से हैं इस कारण बचपन से निशाना लगाते हैं इनका निशाना अचूक होता है इतनी फुर्ती से वार करते हैं कि कुछ ही सेकंड में मजबूत से मजबूत को भी घातक तरीके से घायल अथवा मार देते हैं) और पहचान छुपाने के लिए घटना के तुरंत बाद पिट्ठू बैग में लाए हुए कपड़ों से कपड़े बदल लेते हैं। घटना के समय मोबाइल का प्रयोग नहीं करते। मोबाइल घर में इनकी औरतों के पास रहता है।
💎 अपराध करने के बाद-
घटना करने के बाद ये चोरी के माल को गड्ढों में गाड़ देते हैं जिसके बारे में सिर्फ इन्हीं के कुछ बेहद खास सदस्यों को पता होता है चोरी के प्राप्त जेबरातों को बेचने का काम अधिकांशत इनकी औरतें करती हैं अगर कभी इनके हाथ अच्छा जेवरात व नगदी हाथ लग जाती है तो सबसे पहले तुरंत अपना स्थान बदल लेते हैं और काफी दूर निकल जाने पर माल का बंटवारा करते हैं और वहां से अलग-अलग शिफ्ट में हो जाते हैं।
💎 बेहद मौकापरस्त
यह रात में चोरी के अतिरिक्त भी दिन के समय बड़े बड़े मेलों ठेलो नुमाइश भीड़भाड़ वाले इलाकों में उठाईगिरी जेब काटने की घटनाओं को भी सफाई से अंजाम देते हैं लेकिन इनके पहनावे और घटना के बाद इनके चेहरे पर बन जाने वाली लचारगी के कारण किसी को इन पर शक नहीं होता और इनका कारोबार फलता फूलता रहता है।
💎 यही कारण है कि पकड़े नहीं जाते
कई दिनों की रेकी उपरांत यह लोग चोरी करने के लिए जो पार्टी बनाते हैं उसमें एक जगह के न होकर अलग-अलग स्थानों शहरों के अपने ऐसे खास सदस्यों को रखते हैं जो माहिर व इनके सगे संबंधी होते हैं क्योंकि बड़ी घटना के बाद सभी अलग अलग हो जाते हैं इस कारण किसी एक के पकड़े जाने पर इनके परिवार के सदस्य जो पूरे उत्तर भारत के कई राज्यों में फैले होते हैं अन्य सभी को मोबाइल फोन आदि से तुरंत सूचना दे देते हैं यही कारण है कि अन्य अभियुक्त बड़ी ही आसानी से फरार हो जाते हैं और पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाते।
💎 डीआईजी/एसएसपी हरिद्वार महोदय
शातिर गैंग के सदस्यों के ट्रेस होने पर कुछ दिन पूर्व महोदय द्वारा इन पर रुपए 25_25 हज़ार की इनामी राशि घोषित की गई थी जिस पर महोदय द्वारा आज आयोजित प्रेस वार्ता में पकड़ने वाली टीम की प्रशंसा करते हुए घोषित इनामी राशि को पूरी पुलिस टीम को दिए जाने हेतु कहा गया।
गिरफ्तार अभियुक्तगण-
01- राहुल उम्र 23 वर्ष निवासी नीलगिरी सर्किल थाना लंबाई जिला सूरत गुजरात हाल निवासी नया आबादी सुवासरा थाना सुवासरा जिला मंदसौर मध्य प्रदेश
02- सनी उर्फ समीर निवासी 80 फुटा टेढ़ी बगिया शिवलोक निकट डिग्री कॉलेज थाना एत्माद्दौला आगरा उम्र 27 वर्ष
03- मुकेश मारवाड़ी निवासी मारवाड़ी इंदिरानगर मेहता बाग निकट जमुना ब्रिज घाट थाना एत्माद्दौला आगरा उम्र 30 वर्ष
04- गुज्जर उर्फ गुर्जन निवासी नई आबादी सुवासरा थाना सुवासरा जिला मंदसौर मध्य प्रदेश उम्र 23 वर्ष
05- शंकर उर्फ वीरू निवासी नगला रामू काशीराम योजना 80 फुटा रोड निकट मंडी समिति अपेक्स हॉस्पिटल के पीछे थाना एत्माद्दौला जिला आगरा उम्र 25 वर्ष