देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड के हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद से अभी भी इलाके में उपद्रव होने की संभावना के चलते सतर्कता बरती जा रही है। हरिद्वार के निकट मुर्गी फार्म इलाके के गांव में रहने वाले सभी 17 मुस्लिम परिवार गांव छोड़कर भाग खड़े हुए हैं।
इस इलाके में एक उत्तराखंडी युवक की हत्या किए जाने के बाद से अब भी तनाव है। इसी गांव की 19 साल की एक मुस्लिम लड़की 32 वर्षीय ड्राइवर लक्षमण सिंह कालुरा से प्रेम करती थी। पुलिस ने लड़की के पिता और भाई को ड्राइवर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
हरिद्वार से 13 किलोमीटर दूर रेलवे ट्रैक पर रेलवाला टाउन के पास ड्राइवर की लाश मिली थी। उसके पैर कटे हुए थे। ड्राइवर कालुरा टिहरी फार्म का रहने वाला था और मुर्गी फार्म में वो अपनी प्रेमिका से मिलने गया हुआ था।
रेलवाला थाने के एसएचओ आशीष गुसाईं ने एक पत्रकार से बातचीत में बताया कि कालुरा 3 अक्टूबर की रात अपनी प्रेमिका से मिलने मुर्गी फार्म गया था। एसएचओ गुसाईं के मुताबिक, लड़की के पिता ने पहले भी दोनों के बीच प्रेम प्रसंग खत्म करने की कोशिश की थी, बावजूद इसे कालुरा 3 अक्टूबर को लड़की से मिलने मुर्गी फार्म जा पहुंचा।
इसके बाद उन कालुरा और लड़की के पिता के बीच तीखी बहस हुई। बाद में उसी रात कालुरा की लाश रेलवे ट्रैक के पास मिली। अगले दिन मामले ने सांप्रदायिक रूप ले लिया और हिन्दू संगठनो ने खूब तोड़ फोड़ और आगजनी की और धारा 144 के बीच उत्तराखंड में काफी तनावपूर्ण माहोल रहा।
हत्या के बाद लड़की और उसके घरवाले गांव छोड़कर वहां से करीब 60 किलोमीटर दूर सिकरोदा भाग खड़े हुए।
इसके बाद मुर्गी फार्म के अन्य मुस्लिम परिवार भी अगले ही दिन गांव छोड़कर भागने लगे। उन्होंने बताया कि पुलिस इलाके में गश्त कर रही है ताकि वहां किसी तरह की हिंसा और आगजनी न हो सके। हरिद्वार के एएसपी मंजूनाथ टीसी ने भी मुस्लिमों द्वारा घर छोड़े जानी की घटना की पुष्टि की है। ')}