Raibaar UttarakhandRaibaar UttarakhandRaibaar Uttarakhand
  • Home
  • Uttarakhand News
  • Cricket Uttarakhand
  • Health News
  • Jobs
  • Home
  • Uttarakhand News
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • उत्तराखंड मौसम
  • चारधाम यात्रा
  • Cricket Uttarakhand
  • राष्ट्रीय समाचार
  • हिलीवुड समाचार
  • Health News
Reading: ऐसी रहस्यमयी गुफा जो बताएगी कब होगा कलयुग का अंत, उत्तराखंड में जानिए कहां है पाताललोक
Share
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Raibaar UttarakhandRaibaar Uttarakhand
  • Home
  • Uttarakhand News
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • चारधाम यात्रा
Search
  • Home
  • Uttarakhand News
    • अल्मोड़ा
    • उत्तरकाशी
    • उधम सिंह नगर
    • चमोली
    • चम्पावत
    • टिहरी
    • नैनीताल
    • पिथौरागढ़
    • पौड़ी गढ़वाल
    • बागेश्वर
    • रुद्रप्रयाग
    • हरिद्वार
  • उत्तराखंड पर्यटन
  • उत्तराखंड मौसम
  • चारधाम यात्रा
  • Cricket Uttarakhand
  • राष्ट्रीय समाचार
  • हिलीवुड समाचार
  • Health News
Follow US
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Donate
©2017 Raibaar Uttarakhand News Network. All Rights Reserved.
Raibaar Uttarakhand > Home Default > उत्तराखंड पर्यटन > ऐसी रहस्यमयी गुफा जो बताएगी कब होगा कलयुग का अंत, उत्तराखंड में जानिए कहां है पाताललोक
उत्तराखंड पर्यटन

ऐसी रहस्यमयी गुफा जो बताएगी कब होगा कलयुग का अंत, उत्तराखंड में जानिए कहां है पाताललोक

Last updated: June 5, 2020 1:40 pm
Debanand pant
Share
5 Min Read
patal bhuvneshwar
SHARE

उत्तराखंड के गंगोलीहाट ‌के गांव भुवनेश्वर में पाताल भुवनेश्वर गुफा स्थित है। गंगोलीहाट से यह मात्र 14 किमी दूरी पर है यह गुफा पिथौरागढ़ जिले में मौजूद है। पौराणिक कथा और लोकगीतों में इस भूमिगत गुफा के बारे में कहा जाता है कि यहां भगवान शिव और तैंतीस करोड़ देवता विद्यमान हैं। यह गुफा प्रवेश द्वार से 160 मीटर लंबी और 90 फीट गहरी है पाताल भुवनेश्वर में गुफा में आपको कई ऐसे दृश्य देखने को मिलते हैं जिन्हें देखने के बाद इंसान सोचने पर मजबूर हो जाता है।

गुफा के अंदर जाने के लिए लोहे की जंजीरों लगी हुईं है। गुफा में शेष नाग को पृथ्वी पकड़े देखा जा सकता है।इस गुफा में चार खंभा है जो चार युगों अर्थात सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग तथा कलियुग को दर्शाते हैं। इनमें पहले तीन आकारों में कोई परिवर्तन नही होता। जबकि कलियुग का खंभा लम्बाई में अधिक है और इसके ऊपर छत से एक पिंड नीचे लटक रहा है, जिसमें एक गहरा रहस्य छुपा है मान्यता है कि जब कलियुग का खम्बा छत से मिल जायेगा उस दिन ये दुनिया समाप्त हो जाएगी।

patal bhuvneshwar
source

इस गुफा में एक हजार पैर वाला हाथी भी बना हुआ है ऐसी मान्यता है कि इस गुफा में एक साथ केदारनाथ, बद्रीनाथ, अमरनाथ के दर्शन होते हैं। इसे दुर्लभ दर्शन माना जाता है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा ऋतुपर्ण द्वारा यह गुफा खोजी गई। मान्यता है कि रानी दमयंती ने एक बार राजा नल को पराजित किया और रानी दमयंती के रोष से बचने के लिए राजा नल ने ऋतु पर्ण से याचना की कि वह उसे उसकी पत्नी दमयंती से बचाये। ऋतुपर्ण राजा नल को हिमालय के सघन वन क्षेत्र में ले गये और वहां रुकने के लिए कहा। वापसी में राजा ऋतुपर्ण को एक हिरण के सौन्दर्य ने मोह लिया, जो घने जंगलों में भाग गया। उन्होंन हिरण का पीछा किया किन्तु वह कहीं नहीं मिला। थक कर वह एक पेड़ के नीचे लेट गये।

सपने में उसी हिरण ने राजा ऋतुपर्ण से कहा कि वह उसका पीछा करना छोड़ दें। नींद टूटी तो उन्होंने अपने को एक गुफा के मुहाने पर पाया। फिर वे गुफा के भीतर जाने के लिए बढ़े तो द्वारपाल ने रोक दिया। परिचय के उपरान्त वहां विराजमान शेषनाग जी ऋतुपर्ण को अपने फन पर बिठाकर गुफा में ले गये और उन्हें उस दिव्यलोक के दर्शन कराये जहां पर तैंतीस करोड़ देवी देवता विराजमान थे।

द्वापर में कुरुक्षेत्र युद्ध के पश्चात अपने गुरुजनों एवं बंधु बांधवों की हत्या के पाप से बचने के लिए पाण्डवों ने हिमालय में प्रस्थान किया। यहां से गुजरते हुए पाण्डवों ने गुफा में कुछ दिन भगवान शिव की आराधना की। माना जाता है कि तत्पश्चात गुफा तब खुली जब आठवीं सदी में कत्यूरी शासनकाल के दौरान आदि शंकराचार्य यहा आये थे उन्होंने यहाँ शिव की पूजा अर्चना की और यहाँ पर चांदी का एक शिवलिंग भी स्थापित किया।

patala buvneswar
source

गुफा के अंदर यह है गणेश जी का सिर जो इस कथा की याद दिलाता है कि भगवान शिव ने गणेश जी का सिर काट दिया था। कहतें हैं कि एक बार भगवान शिव ने क्रोधवश गणेशजी का सिर धड़ से अलग कर दिया था, बाद में माता पार्वतीजी के कहने पर भगवान गणेश को हाथी का मस्तक लगाया गया था, लेकिन जो मस्तक शरीर से अलग किया गया, वह शिव ने इस गुफा में रख दिया था।

पाताल भुवनेश्वर के बारे में स्कन्ध पुराण के मानस खण्ड में विस्तृत विवेचना की गई है कि जो भी मनुष्य उस अलौकिक पारब्रह्म के अस्तित्व को लेकर थोड़ी सी भी शंका करता है उसे पाताल भुवनेश्वर के दर्शन अवश्य कर लेना चाहिए प्रकृति के इस रूप को निकट से देखने से  मन में रोमांच भर जाता है।

  ')}

नवरात्रि के पहले दिन भारत की भूमि से शुरू हुए कैलाश पर्वत के पवित्र दर्शन
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया
उत्तराखंड में हुई ऑनलाइन होमस्टे बुकिंग पोर्टल की शुरुआत
उत्तराखंड के खूबसूरत होम स्टे, इस वेबसाइट पर मिलती है पूरी जानकारी
मसूरी स्थित सर जॉर्ज एवरेस्ट कॉर्टोग्राफी म्यूजियम का पर्यटन मंत्री महाराज ने किया लोकार्पण
Share This Article
Facebook Whatsapp Whatsapp Copy Link
Previous Article कार का हुआ ये हाल, लेकिन बाल बाल बच निकली दो युवकों की जान
Next Article वीडियो: देखिऐ “फुर्की बांद” में अपना जलवा बिखेरनी वाली इस जोड़ी का दुबई में खूबसूरत डांस।
Leave a Comment Leave a Comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

https://raibaaruttarakhand.com/wp-content/uploads/2025/04/VIDEO-03-Years.mp4

Stay Connected

218kFollowersLike
100FollowersFollow
200FollowersFollow
600SubscribersSubscribe
4.4kFollowersFollow

Latest News

साधना और आध्यात्म का भव्य और दिव्य केन्द्र है डोल आश्रम: मुख्यमंत्री
Uttarakhand News
May 12, 2025
हर फसल के साथ बदलती तकदीर: डीएम आशीष भटगांई की कृषि क्रांति बागेश्वर में
Uttarakhand News बागेश्वर
May 12, 2025
सीएम धामी ने देशहित को सर्वाेपरि रखने हेतु युवाओं का आह्वाहन किया
Uttarakhand News
May 10, 2025
त्रिजुगीनारायण में शादी के लिए दुनिया भर से आ रहे हैं जोड़े शादियों के सीजन में रहती है एडवांस बुकिंग
Uttarakhand News
May 7, 2025

खबरें आपके आस पास की

Uttarakhand Newsउत्तराखंड पर्यटनरुद्रप्रयाग

चोपता वैली में तैयार होगा इको टूरिज्म जोन, इको टूरिज्म बोर्ड को वन विभाग ने भेजा प्रस्ताव

September 12, 2023
उत्तराखंड पर्यटन

पर्यटन विभाग में हो रहे अभूतपूर्व कार्य, मंत्री सतपाल महाराज ने रखी रिपोर्ट

August 19, 2023
Uttarakhand Newsउत्तराखंड पर्यटनउत्तराखंड संस्कृति

भगवती नंदा को समर्पित चमोली कुरुड़ का नन्दा देवी सिद्धपीठ मंदिर

August 19, 2023
Uttarakhand Newsउत्तराखंड पर्यटन

देव डोलियों के कुम्भ स्नान की सभी तैयारियाॅ व्यवस्थित रूप से की जायेंः महाराज

July 17, 2023
कश्मीर फाइल्स लोकेशन
उत्तराखंड पर्यटन

कश्मीर नहीं, उत्तराखंड में हुई ‘The Kashmir Files’ की ज्यादातर शूटिंग, स्थानीय कलाकारों ने निभाए कई रोल

July 17, 2023
अत्रि मुनि
Uttarakhand Newsउत्तराखंड पर्यटन

उत्तराखंड में यहां पड़ता है अत्रि मुनि का आश्रम, ऋग्वेद में मिलता है उल्लेख

July 16, 2023
https://raibaaruttarakhand.com/wp-content/uploads/2025/04/VIDEO-03-Years.mp4
Raibaar UttarakhandRaibaar Uttarakhand
Follow US
©2017 Raibaar Uttarakhand News Network. All Rights Reserved.
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Donate