वायु सेना की मध्य कमान ने उत्तराखंड सरकार से मुन्स्यारी के समीप फायरिंग रेंज की अनुमति देने का अनुरोध किया। इसमें ऊँचाई से हवा से जमीन पर गोलीबारी का अभ्यास किया जाना है। वायु सेना के अधिकारियों ने धरासू, गौचर और पिथौरागढ़ हवाई पट्टियों को दुबारा सक्रिय करने में उत्तराखण्ड सरकार के महत्वपूर्ण सहयोग पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का आभार प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सामरिक दृष्टि से बहुत संवेदनशील है। राज्य सरकार सेना को हर सम्भव सहयोग देने के लिए तत्पर है।
पर्यावरण को नहीं होता नुक्सान-
मंगलवार को सचिवालय में वायु सेना की मध्य कमान के अधिकारियों कीे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ बैठक सम्पन्न हुई। योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए विंग कमांडर आशुतोष मिश्रा ने बताया कि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ इसके लिए संयुक्त सर्वे कर लिया गया है। यह क्षेत्र आबादी से काफी दूर है। प्रशिक्षण में बहुत ही कम क्षमता के बमों का प्रयोग किया जाता है। इसमें केवल रोशनी व धुंआ होता है। पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है।
भूस्खलन का नहीं भी नहीं खतरा-
भूस्खलन या हिमस्खलन का खतरा भी नहीं है। सभी सुरक्षा संबंधी मानकों का पूरा पालन किया जाता है। विंग कमांडर ने बताया कि वर्ष में केवल तीन सप्ताह के लिए क्षेत्र की आवश्यकता होगी। सरकार द्वारा अभ्यास संबंधी अधिसूचना जारी करने व स्पष्ट अनुमति देने के बाद ही अभ्यास किया जाएगा। इसमें जो भी बम गिराए जाते हैं उन्हें इकट्ठा कर साफ करने की जिम्मेवारी वायुसेना की होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इसके लिए पहले प्रस्ताव बनाकर भेजा जाए। आवश्यक परीक्षण करवाकर राज्य सरकार इसकी अनुमति देगी। ')}