राज्य पुष्प ब्रह्मकमल इस बार जीभर कर खिला है। कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते हिमालयी क्षेत्र में कम मानवीय हस्तक्षेप रहा ऐसे में ब्रह्माकमल ही नहीं कई प्रजाति के फूल और वनस्पतियों को भी संजीवनी मिल गई।
इस साल पिछले कई सालों के बाद बुग्याल क्षेत्र में ब्रह्माकमल बहुत बड़ी मात्रा में खिले हैं। केदारनाथ से लगभग सात किमी ऊपर स्थित वासुकीताल के आसपास व बुग्याली क्षेत्र में ब्रह्मकमल खूब खिले हैं, इसके अलावा मद्महेश्वर, तुंगनाथ, वेदनी बुग्याल, रूपकुंड समेत अन्य उच्च हिमालय क्षेत्रों में भी ब्रह्मकमल अधिक संख्या में खिले हैं।
पिछले वर्षों के विपरीत इस वर्ष पर्याप्त बर्फबारी हुई थी और बर्फ देर से पिघली थी। साथ ही लॉक डाउन के चलते मानवीय हस्तक्षेप नहीं रहा इन कारणों से फूलों को ज्यादा मात्रा मे खिलने में मदद मिली है। इस साल पैदावार बेहतर होने के साथ इसका क्षेत्र भी बढ़ा है।
3500 से 4200 मीटर की ऊंचाई पर मिलने वाला पुष्प इस साल तीन हजार मीटर पर खिला। जो कि एक अच्छी खबर है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस पुष्प का सेवन कैंसर पीड़ितों के लिए लाभकारी है। स्थानीय लोगों का दावा है कि उच्च रक्तचाप व दिल के मरीजों के लिए यह रामबाण है। इसके अलावा इस पुष्प को दैवीय पुष्प माना जाता है।