प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिवाली पर स्थानीय उत्पादों को खरीदने के लिए देशवासियों से अपील की गई थी। दिवाली से पहले मोदी की इस अपील का ऐसा असर देखने को मिला कि लोगों ने धड़ले से स्थनीय उत्पादों की खरीद की और चाइना को बायकॉट कर दिया इससे चीन का दिवाला ही निकल गया। इस दीवालेपन से चीन अंदर ही अंदर आग में जलता दिख रहा है। इसका उदाहरण चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की एक खबर है जिसमे वह बता रहा है कि चीन की लड़ियों के बिना भारत के लोगों की दीपावली अँधेरी हो जाएगी।
A lie as always.
— राहुल पाटील (@PatilRahul94) November 12, 2020
India & world knows your character very well🍼
चीन ने अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ का मजाक उड़ाया है जिसमे उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी की अपील के बाद भी दीवाली त्योहार से पहले चीनी निर्यातकों ने गुणवत्ता, सेवा और मूल्य में भारतीय लोगों को पछाड़कर बाजार में पहचान हासिल करना जारी रखा है। भारत से बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए चीन के कारोबारी ओवरटाइम काम कर रहे है।
ग्लोबल टाइम्स ने दक्षिण चीन के गुआंगडोंग प्रांत स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक्स कारखाने में एक बिक्री प्रबंधक ने वांग के हवाले से लिखा कि हर दिन 100,000 से अधिक लड़ियाँ बनाने के बाद भी हम भारतीय मांग को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए हम अपनी उत्पादन को बढ़ाने का काम रहे हैं।
भारत चीन से 134 मिलियन डॉलर के एलईडी लाइटों का आयात करता आया है। तिंगहुआ विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग के हवाले से वो लिखते हैं कि सरकार ने त्योहार के अवसर पर त्योहार के उत्पादों को “स्थानीयकृत” करने और चीनी उत्पादों की आपूर्ति को जानबूझकर कम करने का प्रयास किया, चीनी उत्पाद भारतीय उपभोक्ताओं द्वारा उनकी कम कीमतों और उच्च गुणवत्ता के लिए अत्यधिक पसंद किए जाते हैं।
ग्लोबल टाइम्स की इस प्रोपगेंडा न्यूज को भारतीयों ने भी पहचान लिया और करारा जवाब दे डाला, ट्वीटर पर जमकर लोगों ने चाइनीज घटिया माल का जिक्र करते हुए बायकॉट चाईना को ट्रेंड किया, दिवाली पर स्वदेशी अपनाओ मुहीम इस बार पिछले साल के कई आगे निकल पड़ी है।
यूजर्स का कहना है कि हो सकता है चीन की किसी एक-दो कम्पनी की किस्मत भारत के लोग चमका रहे हों लेकिन इस बार बड़े पैमाने पर भारतीयों द्वारा की गई स्थानीय खरीद से चीन वाकई परेशान दिख रहा है। कई एलईडी कंपनियां जो घटिया लड़ियां बनाती थी वो इस बार बंद पड़ गई होंगी। हो सकता है अच्छी लड़ी बनाने वाली कम्पनी को काम मिल रहा होगा लेकिन भविष्य में ये सब भी बंद हो जायेगा। आगे देखिये भारतीय यूजर्स क्या कह रहे हैं-
It has been Diwali for thousands of years without your freaking LED lights…
— iHarsh (@QuikQuak) November 12, 2020
Even with reduced purchases you can’t meet the demand? Just imagine how much you lost.
— Ravindra (@ravirao83) November 12, 2020
Stop lying. You’re days are numbered.
— Galactus 🇮🇳 (@Galactus08) November 12, 2020
I hope India will ban all Chinese goods in future, there after no need to work for extra hours
— harish (@harishmysuru1) November 12, 2020
This proves India a truly democratic,people allowed to choose what they want
— Krishna Kumar (@Krishna87198485) November 12, 2020
Our Diwali your Diwala
— Sukriti (सुकृति) Gupta (@Gupta_suk) November 12, 2020
Actually indians during diwali usually dont use used lights or used items and one thing chinese lights are famous for is one can’t use them again. That’s why it was in demand.
— Varun Kalra (@VarunKalr) November 12, 2020