मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज मंगलवार को 4 बजे राज्यपाल बेबी रानी मौर्या से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा। इस्तीफा देने के बाद रावत ने कहा कि मुझे 4 साल सेवा करने का मौका मिला। सामूहिक रुप से यह निर्णय लिया कि मुझे अब किसी और को यह मौका देना चाहिए। रावत ने कहा कि मेरी पार्टी ने मुझे स्वर्णिम अवसर दिया। फिलहाल, राज्यपाल ने त्रिवेंद्र सिंह रावत से राज्य में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति होने और पदभार ग्रहण करने की अवधि तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा है।
जब पत्रकारों ने रावत से पूछा कि सीएम के पद से उन्हें इस्तीफा क्यों देना पड़ा तो उन्होंने कहा कि इसके लिए आपको दिल्ली जाना पड़ेगा। उन्होंने प्रत्रकारों के संयम के लिए भी धन्यवाद दिया। माना जा रहा है कि उन्हें केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम ने मंगलवार को इशारा किया कि रावत के अनुभवों का इस्तेमाल केंद्रीय स्तर पर किया जाएगा। बता दें कि गौतम पिछले सप्ताह उत्तराखंड में भेजे गए बीजेपी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों में शामिल रहे हैं। गौतम ने कहा कि राज्य के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव को इस नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए कि यह कोई प्रशासनिक विफलता का प्रतीक है।
फिलहाल त्रिवेंद्र के इस्तीफे के पीछे विधायकों की नाराजगी बताई जा रही है। बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह के इस्तीफे के बाद नए मुख्यमंत्री को लेकर अफवाहों का बाजार भी गर्म है। हर किसी ने अपना-अपना मुख्यमंत्री भी बना लिया है। फिलहाल नए मुख्यमंत्री बनने वालों नामों में मंत्री धनसिंह रावत, मंत्री सतपाल महाराज, सांसद अजट भट्ट, सांसद अनिल बलूनी का नाम सुर्खियों में है। आलाकमान ने किसे नेतृत्व सौंपने का मन बनाया है कल तक उसका खुलासा हो जायेगा।