पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पहल पर प्रदेश में साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में एक और उपलब्धि जुडऩे जा रही है। साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाओं को भुनाने के लिए हो रहे प्रयासों के तहत माउंटेन बाइकिंग रैली (एमटीबी) के सफल आयोजन के बाद अब ट्रैकिंग के क्षेत्र में भी उत्तराखंड की पहचान को मजबूती दी जा रही है। इसके तहत ‘ट्रैक ऑफ द इयर चांइशील-2017’ अभियान का आयोजन किया गया है।
सरकार ने गुरुवार को दो अमेरिकी पर्यटकों के साथ 22 सदस्यीय दल को चांइशील के लिए रवाना किया है। गौरतलब है कि राज्य में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने को इस वर्ष उत्तरकाशी के चांईशील को ट्रैक ऑफ द इयर घोषित करने के बाद 10 जून को पहला दल ट्रैकिंग को गया था। ट्रैकिंग अभियान दल देहरादून से चांईशील को रवाना हुआ है।
अभियान देहरादून से चांईशील के मन मोहक स्थानों तक होगा, जो कि ट्रैकर्स के लिए रोमांचक एवं सुखद अनुभव होगा। ‘ट्रैक ऑफ द इयर चांइशील-2017’ के पहले दिन प्रतिभागी देहरादून से चांईशील लगभग 230 किमी की यात्रा करेंगे, रात्रि विश्राम बेस कैम्प बलावत में होगा।
दूसरे दिन प्रतिभागी बलावत से सुनौटी थाच तक लगभग 5-6 घंटे का टै्रक तथा सुनौती थाच में रात्रि विश्राम करेंगे। तीसरे दिन प्रतिभागी लगभग 5-6 घंटे की यात्रा सामटा थाच तक करेंगे। चौथे दिन का ट्रैक समता थाच से सरूताल/टिकुला थाच तक का होगा।
पांचवे दिन टिकुला थाच से डगान मोयाच तक 4-5 घंटे का ट्रैक किया जायेगा तथा ट्रैकर्स रात्रि विश्राम डगान मोयाच में करेंगे। छठे दिन प्रतिभागी मोयाच से चिवां तक 3-4 घण्टे का ट्रक करने के बाद देहरादून के लिए रवाना होंगे।
‘चांइशील’ उत्तरकाशी जिले के मो ब्लॉक के बंगाण क्षेत्र की कोठीगाड घाटी एवं हिमाचल प्रदेश के रोहडू एवं डोडराक्वार के मध्य की ऊंची चोटियों की अद्र्धचंद्राकार पर्वत श्रंृखला के रूप में लगभग 25-30 किमी में फैला है।
यहां छोटी-छोटी घास के बड़े-बड़े बुग्याल, फूलों की घाटियां में पर्वतीय घास, विभिन्न प्रकार के फूल एवं जड़ी-बूटियां तथा जगह-जगह जलधाराएं (छोटी नदियां) व वाटरफॉल स्थित है। ‘चांइशील’ शिखर को प्रकृति ने अप्रतिम सौन्दर्य प्रदान किया है। यहां पर मोनाल पक्षी भी प्राय: देखने को मिलते है।
संयुक्त निदेशक पर्यटन/नोडल अधिकारी ‘ट्रैक ऑफ द इयर चांइशील-2017’ पूनम चंद ने बताया कि सात अक्टूबर तक चलने वाले इस आयोजन से चांईशील, उत्तरकाशी को पर्यटन के विश्व मानचित्र में लाने का प्रयास है। पर्यटन विभाग इस अभियान में छह दिवसीय ट्रैकिंग कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। ')}