रुद्रप्रयाग: नगर पंचायत तिलवाड़ा में शामिल करने का ग्रामीणों का विरोध जारी है। इस संबंध में हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी ने नगर पंचायत तिलवाड़ा के अधिकारियों और ग्रामीणों के पक्ष को सुना। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि दोनों पक्षों के आब्जर्वेशन के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में नगर पंचायत तिलवाड़ा में गीड़-भुतेर, रामपुर, बर्सिल और गांव के अन्य तोकों को मिलाने का विरोध करते हुए ग्रामीणों ने अपनी बात रखी। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से कहा कि गाँव में 65 प्रतिशत लोग खेती करते है, नगर पंचायत में शामिल होने से कृषि ऋण आवास का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाएगा। ग्रामीणों को बिजली और पानी का बिल भी अधिक देना पडेगा।
जिलाधिकारी ने कृषि अधिकारी को बुलाकर पूछा कि क्या गांव का नगर पंचायत में तब्दील हो जाने पर कृषि ऋण नहीं दिया जाता हैए, जिस पर कृषि अधिकारी ने कहा कि शहरी क्षेत्र हो या ग्रामीण क्षेत्र सबको कृषि ऋण एक समान दिया जाता है। जिलाधिकारी ने सभी बिन्दुओं पर चर्चा करते हुये कहा कि नगर पंचायत बनने से अधिक सुविधा मिलेगी। ग्राम प्रधान गीड़ पुरूषोत्तम पुरी ने कहा गया कि 240 लोगों का जाॅब कार्ड है और वर्ष 2017-18 में कुल रूपये 9 हजार का कार्य मनरेगा से हुआ है।
जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से कहा कि नगर पंचायत का बजट इस वर्ष 150 करोड़ का है। परिवारों को इस सत्र में आवास सुविधा दी जायेगी और सभी को नगर पंचायत बनने से अधिक सुविधा मिलेगी। नगर पंचायत बनने से गांव की तस्वीर बदल जाएगी, लेकिन ग्रामीणों ने नगर पंचायत में गांव को मिलाने का घोर विरोध किया।
उन्होंने कहा कि बाजार से हट कर गांवों को नगर पंचायत में न मिलाया जाय, जबकि अधिशासी अधिकारी ने पीपीटी के माध्यम से नगर पंचायत क्षेत्र को दिखाया। जिलाधिकारी ने कहा कि गांव के निरीक्षण के दौरान सभी को बुलाया जाएगा। इस संबंध में जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी तिलवाडा को सिर्फ सुमाडी बाजार को नगर पंचायत में मिलाने को कहा। बाजार के लोगों की मांग है कि उन्हें नगर पंचायत में मिलाया जाए। ')}