उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा अनुसंधान केन्द्र देहरादून तथा स्याही देवी विकास समिति शीतलाखेत के तत्वावधान में कोसी नदी पुर्नजीवन तथा पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं की भूमिका विषय पर शीतलाखेत में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि सर्वप्रथम जंगलों को आग से बचाने का हम सभी का प्रयास होना चाहिए।
इसके लिए महिलाओं की भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासो से कोसी नदी जो हमारी जीवनदायिनी नदी भी है के संरक्षण में हमें अपने घर से शुरूआत करनी होगी। उन्होने कहा कि वृक्षारोपण के साथ-साथ वृक्षों को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
चैडी पत्ती के पौधे रोपने का हमारा लक्ष्य होना चाहिए। गोष्ठी में विभिन्न क्षेत्रों से आयी महिला मंगल दलों की सदस्यों ने अपने-अपने सुझाव दिये। कोसी नदी में रिचार्ज जोनो में चैड़ी पत्ती के पौधे सहित जंगलों को आग से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास करने को कहा।
इस अवसर पर महिलाओं ने अनेको समस्याए इस गोष्ठी के माध्यम से मंत्री के सम्मुख रखा। इस अवसर पर उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डा0 दुर्गेश पन्त, कुमाॅऊ विश्वविद्यालय के भुगोल विभाग के डा0 जे0एस0 रावत, वरिष्ठ वैज्ञानिक उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान, डा0 मंजू सुन्दरियाल, जल संस्थान के अधीक्षण अभियन्ता के0एस0खाती, वन क्षेत्राधिकारी संचिता वर्मा आदि ने अपने-अपने विचार एवं सुझाव संगोष्ठी मे रखे।
वक्ताओं ने महिलाओं से कहा कि इस कार्य में उनकी भागीदारी महत्वपूर्ण है। कोसी नदी को बचाने एवं पर्यावरण के संरक्षण में ग्रामीणों की भुमिका अग्रणी रूप मे होनी चाहिए। इस गोष्ठी में अनेको महिलाओं ने अपने-अपने सुझाव रखे। साथ ही अनेक महिलाओं को वी0एल0स्याही के लोहे के हल मा0 मंत्री द्वारा वितरित किये गये। ')}