रविवार को जिले में बारिश ने फिर से दस्तक दी। सुबह से शुरू हुई बारिश ने जहां गर्मी से निजात दिलाई, वहीं इस बारिश को फसलों के लिए लाभकारी माना जा रहा है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या राजमार्ग पर आवाजाही करने की हो रही है।
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग भीरी, चन्द्रापुरी, बांसबाड़ा में बंद होने के कारण यात्रियों एवं स्थानीय जनता को भारी मुसीबतों से गुजरना पड़ा। एक तरफ बारिश जारी रही, तो दूसरी ओर राजमार्ग बंद होने से लोगों को आवागमन में दिक्कतें झेलनी पड़ी। करीब राजमार्ग चार से पांच घंटे तक अलग-अलग जगहों पर बंद रहा।
देवी सौड़ पुल को पुराने जोगत मार्ग से जोड़ने की मांग
राजमार्ग के बार-बार बाधित होने से केदारघाटी की जनता की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही है, जबकि राजमार्ग पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है। इसके अलावा लिंक मार्गों की हालत भी बद से बदतर हो चुकी है। बरसात के कारण जिले के आठ मोटरमार्ग पिछले कई दिनों से बंद पड़े हुए हैं।
इन लिंक मार्गों पर जगह-जगह पुश्ता टूटने और मार्ग धंसने के कारण दिक्कतें आ रही है। विभाग की मशीने लिंक मार्गों को खोलने में लगी हैं, लेकिन फिर से बरसात शुरू होने से कार्य करने में दिक्कतें आ रही हैं। इधर बरसात के कारण अगस्त्यमुनि के गंगानगर के लोग तीन दिन से अंधेरे में रात गुजारने को मजबूर हैं।
भगवान तुंगनाथ मंदिर के मुख्य पड़ाव चोपता में पुलिस प्रशासन की ओर से खोली गई पुलिस चौकी
क्षेत्र को जोड़ने वाली विद्युल लाइन क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। आपदा प्रभावित केदारघाटी में मानसून सत्र में बिजली विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली प्रशासन के दावों की पोल खोल रही है। 72 घंटे बाद भी क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति न किये जाने से विभाग के नकारापन को दर्शा रहा है।
उत्तराखंड को बीसीसीआई ने दी रणजी खेलने की मान्यता, 2018-19 सत्र के लिए 37 टीमें खेलेंगी रणजी
वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर डेंजर जाने से बार-बार मलबा आ रहा है। मलबा साफ करने के लिए विभाग की मशीने लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि राजमार्ग को एक से दो घंटे में खोलने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अलावा लिंक मार्गों को खोलने के लिए मशीने तैनात हैं। लगातार हो रही बरसात से समस्याएं बढ़ रही हैं, बावजूद इसके हर घटना पर नजर रखी जा रही है। ')}