रुड़की: सरकारी हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों में तैनात शिक्षक अब घर पर छात्र-छात्राओं को ट्यूशन नहीं पढ़ा सकेंगे। शिक्षकों द्वारा बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने पर निदेशक (प्रारंभिक शिक्षा) ने कड़ी नाराजगी जताई है।
निदेशक के सख्त निर्देशों के बाद सीईओ ने सभी बीईओ को इसकी निगरानी कर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। हरिद्वार जनपद में राजकीय के साथ ही सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों के अधिकांश शिक्षक अपने घर पर छात्र-छात्राओं को ट्यूशन पढ़ाते हैं।
खासकर अंग्रेजी, गणित, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान और वाणिज्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों के तकरीबन शत प्रतिशत बच्चे किसी न किसी शिक्षक से ट्यूशन जरूर पढ़ रहे हैं। सरकारी शिक्षकों के ट्यूशन पढ़ाने की बात हाल ही में शिक्षा निदेशक के संज्ञान में आई थी।
उन्हें यह भी पता चला था कि शिक्षक अपने विषय में फेल कर देने का डर दिखाकर छात्र-छात्राओं को ट्यूशन पढ़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इसकी जानकारी पर निदेशक ने कड़ी नाराजगी जताते हुए जिले के सीईओ (मुख्य शिक्षा अधिकारी) को इस पर तत्काल रोक लगाने के आदेश दिए थे।
निदेशक की नाराजगी के बाद सीईओ ने हरिद्वार के सभी छह विकासखंड में बीईओ (खंड शिक्षा अधकारी) को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने बीईओ से सभी कॉलेजों का आकस्मिक निरीक्षण करके यह पता लगाने को कहा है कि शिक्षकों द्वारा ट्यूशन पढ़ाया जा रहा है या नहीं।
सीईओ डॉ. रुपेंद्र दत्त शर्मा ने बताया कि अगर कहीं कोई सरकारी शिक्षक बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश खंड शिक्षाधिकारी को दे दिए गए हैं। ')}