नई दिल्ली: देहरादून की पर्वतारोही जुड़वा बहनों ताशी और नुंग्शी मलिक ने एक बार फिर उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। ताशी और नुंग्शी मलिक को रविवार को नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे उन 15 महिलाओं में से थीं जिन्हें उनकी उपलब्धियों के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ताशी और नुंग्शी 2013 में माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली पहली महिला जुड़वाँ थीं। उन्होंने दुनिया की सर्वोच्च चोटियों जिसमे माउंट एवरेस्ट के अलावा, यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट अल्ब्रास, साउथ अमेरिका में माउंट अकांकागुआ, माउंट कारसटेंज पिरामिड (ऑस्ट्रेलिया), माउंट मैक्नली (उत्तरी अमेरिका), मांउट विनसन (अंटार्कटिका), दक्षिण ध्रुव, उत्तरी ध्रुव अभियान और माउंट किलीमंजारो (अफ्रीका) जैसी सबसे ऊंची चोटियों को फतह किया है।
ताशी और नुंग्शी को 2016 में भारत के सर्वोच्च साहसिक सम्मान ‘तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड’ और उसी वर्ष आइसलैंड के राष्ट्रपति ने ‘ग्लोबल यंग एक्सप्लोर अवार्ड’ से सम्मानित किया था।
रविवार को जुड़वाँ बहनों ने अन्य पुरस्कार विजेताओं के साथ नई दिल्ली में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र में भी भाग लिया। बता दें कि मूल रूप से ताशी-नुंग्शी सोनीपत जिले (हरियाणा) के आंवली गांव की निवासी हैं, फिलहाल उनका परिवार दून के जोहड़ी गांव में रह रहा है। साल 2010 में उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में दाखिला लेने के बाद दोनों बहनों ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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